धनबाद(DHANBAD): 31 दिसंबर 2002 से लेकर 7 नवंबर 2022 तक बदहाली का दंश झेल रही सिंदरी पर एक बार फिर काली छाया मंडराती दिख रही है. पिछले 3 दिनों से हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) प्रोजेक्ट, सिंदरी का उत्पादन बंद है. काफी जद्दोजहद के बाद 7 नवंबर 2022 को प्रोजेक्ट से यूरिया का उत्पादन और डिस्पैच शुरू हुआ था. लेकिन केवल 7 दिनों के बाद ही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने 6 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. नतीजा हुआ कि सुरक्षा के कारणों से प्रबंधन ने अमोनिया का उत्पादन रोक दिया. उसके बाद यूरिया का प्रोडक्शन भी ठप हो गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा का आंदोलन अभी चल ही रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की मांगों में 75% से अधिक स्थानीय को नौकरी देने, मजदूरों को सरकार से निर्धारित मजदूरी देने, पूर्व में हटाए गए मजदूरों को बहाल करने, यूरिया परिवहन का काम सहयोग समितियों को देने सहित अन्य मांगे शामिल है.
14 नवंबर को झारखंड मुक्ति मोर्चा का हुआ था चक्का जाम
इन मांगों को लेकर 14 नवंबर को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चक्का जाम आंदोलन किया था. सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्ट अगर एक बार बंद हो जाता है तो कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होती है. इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट को दोबारा चालू करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है. इधर, गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रमेश टुडू से फोन पर बात करने पर उन्होंने बताया कि उन लोगों का आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है. अभी वह रांची में है, इसलिए और कुछ बताने में परेशानी है. आपको बता दें कि सिंदरी धनबाद का बहुत सुंदर शहर था लेकिन 2002 में इस पर शनि महाराज की ऐसी काली छाया पड़ी कि इसकी सुंदरता खत्म हो गई.
31 दिसंबर 2002 को सिंदरी खाद कारखाना बंद हुआ
31 दिसंबर 2002 को सिंदरी खाद कारखाने को बंद कर दिया गया. उस समय लगभग 2500 से अधिक कर्मचारी खाद कारखाने के पे रोल पर थे, जबकि ठेका कर्मियों की संख्या 5000 से अधिक रही होगी. 2002 के बाद 2022 में सिंदरी की रौनक लौटाने का प्रयास शुरू हुआ, लेकिन इस प्रयास में आंदोलन बाधक बन गया है. केवल 7 दिन चलने के बाद HURL प्रोजेक्ट अभी बंद है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 14 से लेकर 17 तक प्रबंधन को 3 दिनों तक का समय दिया है. फिर 18 को कोई न कोई आंदोलन होगा. देखना होगा कि सिंदरी के भाग्य में आगे लिखा क्या है.
रिपोर्ट: शांभवी सिंह, धनबाद