धनबाद(DHANBAD): 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होगी और 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धनबाद में रहेंगे. निश्चित रूप से प्राण प्रतिष्ठा को धनबाद की सभा में उपलब्धि के रूप में गिनता जाएगा.हो सकता है झारखंड को कुछ देने की घोषणा भी करें .इसके अलावे प्रधानमंत्री को सिंदरी में संचालित हर्ल कारखाने का उद्घाटन करना है. इसके पहले शुक्रवार को धनबाद में तीन लोकसभा क्षेत्र की भाजपा की क्लस्टर मीटिंग हुई. यह तो भाजपा की मीटिंग थी लेकिन इसमें गिरिडीह से आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को भी निमंत्रित किया गया था. चौधरी को बैठक में भाजपा की ओर से आमंत्रित करना निश्चित रूप से किसी रणनीति का हिस्सा रहा होगा. इससे यह भी संकेत साफ हो गया है कि पहले की तरह आजसू के साथ भाजपा का झारखंड में स्वाभाविक गठबंधन तय माना जा रहा है.
27 की सभा में तीनों लोकसभा क्षेत्र के सांसद, विधायकों की परीक्षा
2019 में गठबंधन के तहत भाजपा ने गिरिडीह लोकसभा सीट को आजसू को दी थी. इस बार झारखंड में आजसू गिरिडीह के साथ-साथ हजारीबाग पर भी नजर गड़ाए हुए हैं. इसके साथ ही 27 की सभा में तीनों लोकसभा क्षेत्र के सांसद, विधायकों की परीक्षा होगी. भीड़ जुटनी होगी. इसके लिए तीनों लोकसभा क्षेत्र के सभी सांसद, विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को टास्क दे दिया गया है कि पीएम की सभा जैसी होनी चाहिए, इस हिसाब से तैयारी की जाए. आह्वान किया गया कि लोकसभा चुनाव को लेकर तैयार हो जाएं. घर-घर पहुंचे, उन क्षेत्रों को फोकस करें, जहां भाजपा कमजोर है. ऐसे क्षेत्र के लोगों को प्रधानमंत्री की सभा में जरूर लाएं, जिससे कि सुनकर उनका मन बदले. साफ-साफ कहा गया की 22 जनवरी और 27 जनवरी बहुत ही महत्वपूर्ण है. माहौल बनाने में कोई कमी नहीं की जाए.
धनबाद की सभा से प्रधानमंत्री संथाल परगना सहित बंगाल को साधने की करेंगे कोशिश
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन अपने-अपने क्षेत्र को भगवा मय बना दें. मंदिर निर्माण भाजपा की कितनी बड़ी उपलब्धि है, यह लोगों को बताना चाहिए. हो सकता है कि धनबाद की सभा से प्रधानमंत्री झारखंड को कुछ सौगात देने की घोषणा करें .भाजपा ने 2024 के चुनाव में 10% वोट बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है. धनबाद की सभा से प्रधानमंत्री संथाल परगना सहित बंगाल को भी निश्चित रूप से साधने की कोशिश करेंगे. जो भी हो लेकिन 27 जनवरी के बाद झारखंड में भाजपा पूरी रेस में नजर आएगी. यह अलग बात है कि चर्चा तेज है कि झारखंड में इस बार लगभग आधे लोकसभा उम्मीदवारों को बदला जा सकता है. वैसे भी भाजपा अचंभित करने वाले निर्णय लेने में आगे आगे रहती है. मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्री का चयन अभी ताजा उदाहरण है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो