रांची(RANCHI)- झारखंड में छात्र-छात्राओं को साइकिल इंतजार खत्म हो रहा है. अब उन्हें साइकिल नसीब हो पाएगी और वह स्कूल जा सकेंगे. यह कल्याण विभाग की योजना है जिसके तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग के छात्र - छात्राओं को साइकिल दी जाती है. हम आपको बता दें कि पिछले 2 साल सरकारी स्कूल के इन लक्षित बच्चों को साइकिल नसीब नहीं हो पाई. इसके लिए पैसे दिए जाने का प्रावधान किया गया.
आगे क्या है इस साइकिल योजना की प्रगति
सरकारी दस्तावेज में इस योजना का नाम 'उन्नति का पहिया' बताया गया है. कक्षा 8 के छात्र-छात्राओं को यह साइकिल सरकार की ओर से दी जानी है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 3.50 लाख साइकिल की आपूर्ति तय की गई है. आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा ने सभी जिला कल्याण पदाधिकारी को साइकिल वितरण के संबंध में SOP यानी मार्गनिर्देश दिया है. इस संबंध में साफ तौर पर कह दिया गया है कि पूरी तहकीकात के बाद ही किसी छात्र या छात्रा को साइकिल की आपूर्ति की जाए और इस संबंध में आवश्यक साक्ष्य डिजिटल तौर पर रखे जाएं.
साइकिल योजना की रोचक कहानी
कल्याण विभाग ने पहले तय किया था कि आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को साइकिल दिया जाए. इसके लिए फाइल भी आगे बढ़ी. कोहिनूर नामक एक कंपनी को इसका संभावित टेंडर भी दे दिया गया लेकिन इस बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अधिकारियों ने बताया कि उक्त कंपनी की साइकिल सुरक्षा मानक के अनुरूप नहीं होगी. इससे सरकार की आलोचना होगी. फिर तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे रिजेक्ट कर दिया.
फिर से साइकिल खरीद मामले का टेंडर हुआ और प्रसिद्ध कंपनी हीरो साइकिल को आपूर्ति का टेंडर मिल गया. मालूम हो कि सरकार एक साइकिल पर 4500 रुपए खर्च करती है. इसी कंपनी ने पश्चिम बंगाल में 4300 रुपए प्रति साइकिल कीमत लगाई है. झारखंड में इसलिए 4200 रुपए प्रति साइकिल की बोली लगाई थी.
आदिवासी कल्याण आयुक्त ने सभी को लिखा पत्र
आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा ने साइकिल वितरण योजना के संबंध में सभी जिला कल्याण पदाधिकारी को मार्ग निर्देश जारी किया है. पूरे प्रदेश में अलग-अलग क्लस्टर पर साइकिल का वितरण होगा. साइकिल की आपूर्ति के लिए कंपनी के टेक्नीशियन आएंगे. एक ट्रक में 900 साइकिल का पार्ट्स लाया जा सकेगा.