धनबाद(DHANBAD): एक तो भीषण गर्मी और ऊपर से बिजली संकट. बिजली संकट भी ऐसा की हर क्षेत्र तबाह हो गया है. आमजन को तो भारी परेशानी हो ही रही है लेकिन उद्योग धंधे, बाजार भी इतने अधिक प्रभावित हो गए हैं कि धंधा चौपट हो गया है. एक तो धनबाद कोयलांचल के उद्योग पहले से ही ऑक्सीजन पर चल रहे हैं ,ऐसी हालत में बिजली संकट ने कोढ़ में खाज का काम किया है .जनरेटर के भरोसे धनबाद में उद्योग और कारोबार चल रहे है. परिणाम क्या हो सकता है, इसका अंदाजा कोई भी लगा सकता है .धनबाद प्रक्षेत्र को जरूरत से लगभग 100 मेगावाट कम बिजली मिल रही है. ऐसे में ट्रिपिंग से लेकर ब्रेकडाउन की समस्या से आमजन ,बाजार, उद्योग धंधे परेशान है. लगातार लोड शेडिंग की जा रही है. जनरेटर चलने की वजह से डीजल की खपत बढ़ गई है .यह बात सच है कि धनबाद में हाल के दिनों में कई मॉल और बाजार खड़े हुए हैं. वहा आधुनिक व्यवस्था है, इसके लिए जनरेटर की जरूरत होती है, क्योंकि बिजली तो यहां नियमित कभी मिलती ही नहीं है. ऐसे में डीजल की खपत बढ़ गई है .कहा जा सकता है कि कारोबार की सारी आमदनी डीजल पी जा रहा है. ऐसे में लोग करें भी तो क्या करें, यह हाल सिर्फ धनबाद कोयलांचल का नहीं है ,कमोबेश पूरे झारखंड में यही स्थिति है. झारखंड राज्य बने 22 साल हो गए लेकिन पूरे झारखंड में एमपीएल को छोड़कर कहीं भी पावर प्लांट नहीं लगा. एमपीएल भी उत्पादित बिजली दूसरे राज्यों को दे रहा है. नेशनल ग्रिड भी सफल नहीं रहा. ऐसे में आखिर झारखंड में लोग कैसे रहेंगे ,कैसे जिएंगे, उद्योग धंधे कैसे चलेंगे, बाजार में खरीद बिक्री कैसे बढ़ेगी, यह सब ऐसे सवाल हैं जो किसी को भी परेशान कर सकते हैं. बिजली अधिकारी कहते हैं कि गर्मी के दिनों में खपत अधिक बढ़ जाने के कारण परेशानी हो रही है तो यह जवाब भी कम हास्यास्पद नहीं लगता है. सब कोई जानता है कि गर्मी में बिजली खपत बढ़ेगी तो फिर पहले से ही इसके इंतजाम क्यों नहीं किए जाते.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो