टीएनपी डेस्क: आलू एक ऐसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल हर घर में होता है. अभी भी हाल के दिनों में झारखंड में आलू की किल्लत भी देखी गई क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने आलू के सप्लाई पर रोक लगा दिया था. जिसकी वजह से झारखंड में आलू का स्टॉक कम हो रहा था. वही आलू काफी महंगे दामों पर भी मिल रहा था. इसी बीच अब रांची के थोक बाजार में आलू और प्याज की कीमतों में काफी गिरावट आई है. लेकिन आम लोगों के लिए परेशानी की बात यह है की खुदरा बाजार में इसका कोई असर नहीं देखा जा रहा है. जहां थोक में मिलने वाला आलू प्याज 5 से ₹10 सस्ता हुआ है वहीं खुदरा बाजार में मनमानी चल रही है. वहीं जो बिचौलिए हैं वह भी काफी चांदी काट रहे हैं.
रांची के मंडी में थोक में जहां आलू 15 से ₹17 किलो बेचा जा रहा है. वही खुदरा बाजार में से 28 से 30 रुपए किलो बेचा जा रहा है. इसी तरह प्याज के भी दाम में गिरावट आई है. थोक मंडी में जहां प्याज 20 से ₹28 किलो बेचा जा रहा है. वहीं खुदरा बाजार में इसकी कीमत 40 से 45 रुपए किलो है. राँची के पंडरा बाज़ार के खुदरा विक्रेता का कहना है कि गाड़ी भाड़ा लगता है. साथ ही माल लाने में नुक़सान भी होता है. इसलिए खुदरा बाज़ार में आलू, प्याज़ की क़ीमत ज़्यादा हो जा रही है. यानी की आप समझ सकते हैं थोक बाज़ार से खुदरा बाज़ार तक आने में आलू प्याज़ की क़ीमत सीधा दोगुना हो जा रही है. जिससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है.
रांची में अभी उत्तर प्रदेश और पंजाब से भारी मात्रा में आलू की सप्लाई हो रही है. ऐसे में मंडी में आलू पर्याप्त मात्रा में है. मंडी में आलू की कीमतों में गिरावट का एक मुख्य कारण फसल का रकबा बढ़ना है. उत्तर प्रदेश में आलू की खेती काफी ज्यादा होती है. ऐसे में नई फसल का आवन मजबूत है. जिसके कारण व्यापारियों को कोल्ड स्टोरेज में रखे पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए कम दामों में सप्लाई करना पड़ रहा है. वही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में टमाटर के उत्पादन में भी काफी वृद्धि हुई है. इसको लेकर देशभर की मंडियों में काफी ज्यादा टमाटर पहुंच रही है जिसके कारण इसके भी दामों में गिरावट आई है.