टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-गुमला जिले के गांव में रहने वाले बाशिंदो के लिए मुश्किल समय चल रहा है. आपूर्ति विभाग की तरफ से हर महीने देने वाला अनाज ग्रामीणों को सही से नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर कई बार शिकायत की गई. लेकिन, नतीज ढाक के तीन पात वाला ही रहा. हालांकि, जिला आपूर्ति पदाधिकारी जल्द ही व्यवस्था सही करने का आश्वासन दिया है.
सरकारी अनाज ही सहारा
जिले के सुदुर गांवों में जहां गरीबों के लिए सरकारी अनाज ही सहारा होता है. लेकिन, पीडीएस डीलर व आपूर्ति बिभाग के पदाधिकारी की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को सही मात्रा में अनाज नहीं मिल पाता है जिसके चलते कई परिवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव के स्थानीय लोग आरोप लगाते है कि कई महीनों से उन्हें काफी कम अनाज दिया जा रहा है. जिसकी शिकायत भी कई बार की गई. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई. गांव की महिलाओं का कहना है कि खेती सही से नहीं होने के चलते सरकारी अनाज काफी अहमियत रखती है. इन लोगों ने आरोप लगाया कि 30 किलो के स्थान पर कभी 15 किलो तो कभी 20 किलो ही अनाज दिया जाता है. जबकि कायदे से 30 किलो अनाज मिलना चाहिए.
पीडीएस डिलरों की मनमानी
ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी दो महीने अनाज नहीं मिलने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. वही, अब सही रुप से अनाज नहीं मिलने से उनके लिए बड़ी समस्या बनते जा रही है. ग्रामीणों ने कहा कि इसको लेकर कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीडीएस डिलरों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि उन्हें किसी भी बात का फर्क नहीं रहता है. आरोप लगाया गया कि सरकार उनके लिए अनाज भेजती है, लेकिन, उसे भी डीलर गबन कर देते हैं.
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने दिया भरोसा
ग्रामीणों के आरोप पर जिला के आपूर्ति पदाधिकारी प्रीति कुमारी की माने तो उनकी ओर से भी व्यावस्था को सही करने को लेकर पूरी कोशिश की जा रही है. डिलरों को भी सख्ती से निर्देश दिया गया है. अगर कोई शिकायत मिलेगी तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.