धनबाद(DHANBAD): बेचारी- इस बच्ची का क्या कसूर है. यह तो अभी दुनिया में आई ही थी, कि आफत का पहाड़ उस पर टूट पड़ा. प्रसव के बाद ही मां का देहांत हो गया और घर वाले बच्ची को छोड़कर चले गए. अब इस बेचारी बच्ची का सहारा या तो हॉस्पिटल है अथवा सीडब्ल्यू सी , आगे देखना होगा कि इस बच्ची की किस्मत में क्या लिखा हुआ है? फिलहाल हॉस्पिटल वाले अपने खर्चे पर बच्ची का इलाज करा रहे है. घर वाले बच्ची को अपनाने से भाग रहे है. सीडब्लूसी घर वालों की काउंसलिंग कर रहा है. लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है.
बच्ची फिलहाल जीवन और मौत से जूझ रही है. मां की मौत के बाद बच्ची के परिजन उसी हालत में उसे छोड़कर चले गए. परिजन गिरिडीह के रहने वाले है. प्रसव काल में जब महिला की हालत बिगड़ी तो उसे डॉक्टरों ने धनबाद रेफर कर दिया. घर वालों ने महिला को अशर्फी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां प्रसव के बाद महिला की मौत हो गई. घर वाले यह कह कर चले गए कि महिला की अंतिम क्रिया करनी है. लेकिन इसके बाद वह वापस नहीं आये. बच्ची को अस्पताल में ही छोड़ दिया. अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस और सीडब्लूसी को इसकी सूचना दी.
अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज मोबाइल पर सीडब्लूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने परिजन से बात की. परिजन कई कारण बताये . वैसे सीडब्लूसी ने स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी को इसकी सूचना दे दी है. सीडब्लूसी अस्पताल के फिटनेस प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा कर रहा है. आज जब सीडब्लूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी से The Newspost ने टेलीफोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी को दे दी गई है. फिलहाल अस्पताल के फिटनेस प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा की जा रही है. उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
