रांची(RANCHI): पूजा सिंघल पहले भी ये नाम परिचय का मोहताज नहीं था आज भी ये नाम परिचय का मोहताज नहीं है. बस फरक सिर्फ इतना है कि पहले इस नाम को इसलिए लिया जाता था कि एक होनहार लड़की जिसने मात्र 21 साल की उम्र में देश के सबसे कठिन परीक्षा आईएएस में अपनी विशिष्ट जगह बना कर देश की सेवा का निर्णय लिया तो वहीं आज पूजा का नाम इसलिए लिया जाता है क्योंकि एक आईएएस ऑफिसर होकर देश सेवा को छोड़ अपनी ही सेवा में लिप्त होकर भ्रष्ट अधिकारी का तमगा अपना लिया है. और इस काले कारनामे की वजह से सारे जग में इनकी थू थू हो रही है. कभी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी के उनके बैचमेट उनपर गुमान करते थे, क्योंकि उनके बीच सबसे कम उम्र में आइएएस बनकर आईं पूजा सिंघल की अपनी अलग पहचान थी. वे वहां सबसे विशिष्ट और खास मानी जाती रहीं. वहीं आज स्थिति ठीक इसके विपरीत है, आज पूजा ने करप्शन का ऐसा तांडव किया की न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश को बदनाम कर दिया है. बताते चलें कि देश के ईमानदार अफसरों की साख को भी पूजा ने अपने इस महाकरप्शन से दांव पर लगा दिया है. पैसा को अपना भगवान मानने वाली पूजा सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. भारतीय प्रशासनिक सेवा में चुने जाने के पहले ही ब्रिलिएंट स्टूडेंट होने का तमगा हासिल था. आइएएस अफसरों के रिकॉर्ड के अनुसार पूजा सिंघल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेघशन में ग्रेजुएट हैं.
शुरुआती दिनों में पूजा ने किए सराहनीय कार्य
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की कठिन परीक्षा को महज 21 साल की उम्र में पास करने के बाद अखिल भारतीय सेवाओं में जब उन्हें काम करने का मौका मिला तो शुरुआती दिनों में पूजा आदर्श की भूमिका में रहीं. सिंघल की पहली तैनाती हजारीबाग में सदर अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में हुई थी. यहां अपने अच्छे काम के कारण वो काफी चर्चित रहीं. शिक्षा परियोजना में पदस्थापन के दौरान भी उनका कार्यकाल अच्छा रहा. उन्होंने बच्चों को दी जाने वाली किताबों के गिरोह का भंडाफोड़ भी किया. उनके नेतृत्व में ही पहली बार झारखंड में विकलांगों का डाटा संग्रह हुआ था. रिम्स में निदेशक प्रशासन के तौर पर भी उनका कामकाज काफी सराहनीय रहा. सिंघल ने राज्य में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों पर डेटा एकत्र करने के लिए पहली बार झारखंड में विकलांग सर्वेक्षण भी किया था. कुछ समय के बाद उन्हें खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात किया था, लेकिन बाद में विवादों से नाता जुड़ता गया. और फिर देश की सबसे कम उम्र की आइएएस बनने का गौरव हासिल करने वाली झारखंड कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अफसर पूजा सिंघल देखते-देखते करप्शन में इतना माहिर हो गई कि उसे पैसे का गुलाम बताया जाने लगा.
DM बनते ही जागी अधिक पैसे की भूख, और पूजा बनी पैसों की पुजारिन
पूजा सिंघल विवादों को लेकर पहली बार चर्चा में नहीं हैं. इससे पहले भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. सिंघल जब जिलों में उपायुक्त के रूप में पदस्थापित हुईं, तब उनका विवादों से नाता जुड़ने लगा. 22 साल के करियर में वह लगभग 19 स्थानों पर पदस्थापित रहीं. जिलों में पदस्थापन के बाद से वह विवादों में फंसती चली गयीं. खूंटी में जिला उपायुक्त के पद पर पदस्थापन के बाद उन पर मनरेगा स्कीम में 16 करोड़ रुपये की गड़बड़ी करने का मामला सामने आया. इस मामले में उन पर इंजीनियरों से सांठगांठ करने का आरोप भी लगा. इसके बाद वहां से उनका पदस्थापन चतरा किया गया. चतरा में पदस्थापन के दौरान उन पर छह करोड़ रुपये एक एनजीओ को नियम विरुद्ध दिये जाने का आरोप लगा. इस मामले को विधायक विनोद सिंह ने सदन में उठाया था. विधानसभा की कमेटी ने जांच भी की थी. चतरा में ही पदस्थापन के दौरान इन पर आतंकियों ने हमला किया था. इस कारण इनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.
विजलेन्स टीम की गई नजर और हुआ पूजा का पट्टाक्षेप
इस धड़ाधड़ पैसे के खेल में पूजा पर निगरानी विभाग की नजर गई और धीर धीरे उनके आय से अधिक संपत्ति का पता चला और फिर अचानक पूजा आ गई ईडी की रडार पर. ईडी की पूजा सिंघल के 25 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी हुई, जिसके बाद उनके सारे भेद खुल गए. वह असल में करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति की मालकिन निकली. 6 मई 2022 को हुई आयकर विभाग की छापेमारी में उनके सीए के घर से 19 करोड़ करोड़ 31 लाख रुपये बरामद किये गए, जिसमे से सिर्फ 17 करोड़ रूपये अकेले ही पूजा सिंघल सिंघल के है बाकी का बचा हुआ पैसा अन्य स्थान से बरामद किया गया. बता दें पूजा के पास से रुपयों का इतना बड़ा जखीरा मिला था कि गिनती के लिए ईडी ने को मशीन मंगवाना पड़ा था.
आईएएस पूजा सिंघल की संपत्ति
अपने 22 साल के करियर मे पूजा ने अकूत संपत्ति एकत्र की. झारखंड से कोलकाता तक इनकी संपत्ति ही संपत्ति पैसा ही पैसा. साथ ही संपत्ति इतनी की देखने वाले के होश चकरा जाए. कोलकाता के राजारहाट में एक आलीशान घर 6 लाख रुपये किराए की कमाई . 1.10 करोड़ रुपये की कीमत वाला बरियातू में 4500 वर्गफीट व्यावसायिक स्पेस आर्किड बिल्डिंग में हिस्सा–10 लाख रुपये किराए की कमाई /प्रतिवर्ष . रांची के अशोक नगर में एक 80 लाख रुपये की कीमत वाला एक शानदार मकान. सालाना 3 लाख रूपये किराये की कमाई. रांची के सुकुरहुटु में सिविल सर्विस आफिसर्स को-आपरेटिव सोसाइटी में भूखंड.
पूजा के पति करते थे पैसों का मैनेजमेंट
अभिषेक झा पूजा सिंघल के दूसरे पति, देखते थे पैसों का मैनेजमेंट. बता दें अभिषेक एक सुपर स्पेंशलियटी हॉस्पिटल प्लस के एमडी हैं. ईडी के मुताबिक अभिषेक झा ही पूजा सिंघल के काले धन को व्हाइट बनाते हैं. इनका सारा पैसा मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं. फिलहाल अभिषेक झा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. वे कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं. बता दें कि पूजा सिंघल झारखंड की सीनियर आईएएस अधिकारी हैं, जो कि वर्तमान में उद्योग एवं खान सचिव के पद पर पदस्थ थी . इससे पहले पूजा बीजेपी सरकार में कृषि सचिव के पद पर कार्यरत थीं. चर्चित मनरेगा घोटाले के समय भी पूजा खूंटी में डिप्टी कलेक्टर के बाद पर तैनात थीं. मूल रूप से देहरादून की रहनेवाली पूजा सिंघल झारखंड में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं. अपने इसी पद का उपयोग करके पूजा ने अवैध तरीके से भारी भरकम संपत्ति का सृजन किया जिसमे सहयोगी उनके वर्तमान पति भी बराबर रहे . काले पैसों को सफेद बनाना और मार्केट मे इन्वेस्ट करना ये सब मैनेजमेंट अभिषेक ही देखते थे. फिलहाल अभिषेक बाहर है पूजा हॉटवार जेल में है और ईडी लगातार उनके अवैध तरीके से कमाई गई संपत्तियों पर चाबुक चला रही. एक होनहार आईएएस ऑफिसर से एक भ्रष्ट आईएएस ऑफिसर की कहानी बहुत कुछ सिखाती है. हजारीबाग से हॉटवार तक का पूजा का सफर अन्य अधिकारियों के लिए भी एक सीख बन चुका है.
जानिए क्या हुआ जब पूजा की शिकायत लेकर एक व्यक्ति पहुंचा पूजा के पास
जब राज्य में रघुवर दास की सरकार थी. उस समय रघुवर दास हर हफ्ते सूचना भवन में सामूहिक जन संवाद करते थे. उस दौरान आम जनता की शिकायत सीधे उनके पास आती और अपने लिए गुहार लगाती. ऐसे ही एक दिन धनबाद से शिकायत आई थी. उन्होंने कहा कि धनबाद मार्केटिंग बोर्ड में उनका एक स्टोर है. सिपाही पैसे की मांग करता है. यह इंगित करता है कि पैसा ऊपर की ओर बढ़ता है. रांची की मैडम पूजा सिंघल को भी पैसा पहुंचाना है. पूजा सिंघल उस समय शिकायतकर्ता के बगल में बैठी थीं. सिंघल उस समय कृषि विभाग के सचिव थे, जब उस बूढ़े ने अपनी बात रखी तो पूरा कमरा खिलखिलाकर हंस पड़ा. रघुवर भी कुछ क्षण शांत हुए, पूजा सिंघल फर्श पर घूर रही थी, मानों धरती को चीर कर उसमें समा गई हो.