धनबाद(DHANBAD)झारखंड सरकार के एक अस्पताल पर 4 करोड का जुर्माना, वह भी झारखंड के ही सरकारी विभाग ने लगाया है. सुनने में आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन ऐसा ही हुआ है धनबाद के SNMMCH के साथ. यह अस्पताल सरकार का इस इलाके में सबसे बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल का विवादों से पुराना नाता रहा है. किसी न किसी वजह से यह अस्पताल विवादों में घिरा रहता है. कभी मेडिकल कॉलेज में छात्रों के नामांकन को लेकर, तो कभी सुविधा को लेकर, तो कभी सफाई एजेंसी को लेकर. ताजा मामला जो सामने आया है, उसके अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चार करोड़ का जुर्माना लगाया है.
लोकल मैनेजमेंट ने सरकार को बता दिया है
सरकार को पूरी स्थिति से लोकल मैनेजमेंट ने अवगत करा दिया है लेकिन अभी तक कोई दिशा -निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. कैंपस में 167 करोड़ रुपए की लागत से 20 0 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण चल रहा है. 160 जनरल और 40 आईसीयू बेड वाले अस्पताल में 8 मॉडलर ऑपरेशन थिएटर बने है. अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए इंसीनरेटर लगाया जाना है. इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह कहते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया कि एक परिसर में दो इंसीनरेटर लगाने की अनुमति देने का कोई नियम नहीं है. इसके बाद प्रबंधन ने कैंपस में बरसों से बंद पड़ी मशीन को ठीक कराने की कार्रवाई शुरू की. इस सिलसिले में दुबारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संपर्क किया गया. तो बोर्ड ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को चार करोड़ का नोटिस थमा दिया. यह जुर्माना कोई नया नहीं है ,बरसों पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जुर्माना लगाया था.
संचिका में कही गुम था यह मामला
मेडिकल कॉलेज और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में यह मामला कहीं संचिका में गुम हो गया था. जब नई इंसीनरेटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो फिर मामला सामने आया और मेडिकल कॉलेज को नोटिस दे दिया गया. अस्पताल परिसर में पोस्टमार्टम हाउस के पास बरसों पहले मशीन लगाई गई थी. इंस्टॉल करने वाली एजेंसी ने इसे चला कर दिखाया था लेकिन उसके बाद इसका कभी इस्तेमाल नहीं हुआ. इस मशीन से कभी बायो मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल नहीं हो पाया. इधर, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इंसीनरेटर की अनुमति नहीं मिलने के बाद परिसर में पुराने को ठीक करने में लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है. बड़ा सा शेड बनाया गया है, जहां मेडिकल वेस्ट इकट्ठा किए जाएंगे और उसका डिस्पोजल किया जाएगा. चिमनी लगाने के लिए प्लेटफार्म लगभग तैयार हो चुका है. अब यह मामला एक बार फिर फंस गया है
धनबाद से ब्यूरो रिपोर्ट