दुमका (DUMKA) : योजनाओं का श्रेय लेने के लिए संथाल परगना प्रमंडल में जनप्रतिनिधियों के बीच होड़ मची रहती है. इसको लेकर समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास के समय दो अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच बयान बाजी खूब होती है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव के बीच इस तरह का वाकया आम बात है. कुछ दिन पूर्व दुमका जिला के सरैयाहाट प्रखंड में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास सांसद निशिकांत दुबे और पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव द्वारा अलग अलग किया गया था. अब ऐसा ही नजारा दुमका जिला के जामा प्रखंड में भी देखने को मिला. जामा का मामला इससे थोड़ा अलग नजर आया. दरअसल कल जामा प्रखंड में 2 योजनाओं का शिलान्यास होना था. जिसमें दुमका से भाजपा सांसद सुनील सोरेन और जामा से झामुमो विधायक सीता सोरेन दोनों को शामिल होना था. जामा विधायक सीता सोरेन ने इनमें से एक योजना का शिलान्यास तो किया पर दूसरी योजना का शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया.
क्या है मामला
दरअसल जामा प्रखंड के भैरवपूर्व पंचायत के हरला डंगाल एवं सिमरा पंचायत के कुरुमटांड गांव के बीच टेपरा नदी पर पुल का शिलान्यास प्रस्तावित था. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थी. योजना स्थल पर सिलापट भी लगाया जा चुका था. लेकिन आनन-फानन में पथ निर्माण विभाग द्वारा पत्र निर्गत कर शिलान्यास कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. शिलान्यास कार्यक्रम के रद्द होते ही अभियंता और संवेदक सिलापट लेकर वहां से निकल गए. सिलापट हटाने की सूचना मिलते ही भाजपा कार्यकर्ता शिलान्यास स्थल पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. सांसद प्रतिनिधि इंद्र कांत यादव ने कहा कि इस पुल के निर्माण की मांग ग्रामीण वर्षों से कर रहे थे. सांसद सुनील सोरेन के सतत प्रयास से यहां पुल निर्माण की योजना को मंजूरी मिली. शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद सुनील सोरेन के साथ बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और ग्रामीणों के पहुंचने की सूचना मिलने पर विधायक सीता सोरेन ने शिलान्यास कार्यक्रम को ही रद्द करवा दिया. वहीं भाजपा नेता राजू पुजहर ने कहा कि विधायक और सांसद के द्वारा पुल का शिलान्यास किया जाना था परंतु विकास विरोधी पार्टी की विधायक सीता सोरेन द्वारा सत्ता का दुरुपयोग कर शिलान्यास कार्यक्रम को टाल दिया गया. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों के साथ विधायक सौतेला व्यवहार कर रही है.
योजनाओं की क्रेडिट लेने की होड़
शिलान्यास कार्यक्रम को स्थगित करने की वास्तविक वजह जो भी रही हो लेकिन इतना सत्य है कि संथाल परगना प्रमंडल में योजनाओं के शिलान्यास पर जमकर राजनीति होती है. कहीं एक ही योजनाओं का कई बार शिलान्यास होता है तो कहीं बार-बार शिलान्यास कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया जाता है. योजनाओं की क्रेडिट लेने की होड़ में जनप्रतिनिधि लगे रहते हैं और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतनी पड़ती है. जनप्रतिनिधि किसी भी दल के हो उन्हें यह समझना चाहिए की जनता ने उन्हें चुना है और जनहित के कार्यों पर राजनीति अनुचित है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका