देवघर (DEOGHAR) : बेघरों के लिए सरकार रैन बसेरा की सुविधा देती है. लोगों को यहां रहने के लिए छत मिल जाता है. खासतौर पर ठंड के दिनों में बेघरों को सहारा देने के लिए सरकार ने रैन बसेरा की योजना शुरू की थी. लेकिन शहर के तमाम रैन बसेरा की हालत इतनी खराब है कि लोगों को यहां शायद ही आश्रय मिलता है. यही करण है कि बेघर रेलवे स्टेशन को अपना घर बनाते हैं. लेकिन इन बेघर वाले लोगों पर कोई अत्याचार करें तो यह किसी भी रूप में मानवीय नहीं पतित होता है. ऐसा ही मामला देवघर में सामने आया है. जब बुधवार की रात बैद्यनाथ धाम रेलवे स्टेशन परिसर में सो रहे बेघरों पर जीआरपी द्वारा लाठियां चलाई गई और उन्हें ठंड भरी रातों में बाहर निकाला गया. सोए हुए पर पुलिस द्वारा लाठी मारने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि हम इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. लेकिन इस वीडियो में जो दिख रहा है. वह पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं.
पुलिस की संवेदनशीलता पर खड़े हुए सवाल
स्टेशन परिसर में सोए हुए लोग या तो दिनभर मजदूरी करते हैं या फिर भिक्षाटन करते हैं. यह बेघर लोग छोटे-मोटे काम कर प्रतिदिन अपना जीविकोपार्जन चलाते हैं. अगर यह बेघर अपने घर में रहते तो शायद इस ठंड भरी रात में इन्हें यहां नहीं सोना पड़ता और पुलिस की लाठियां नहीं खानी पड़ती. जीआरपी द्वारा भांजी गई लाठियां से कई लोगों को चोटें भी आई है. लेकिन यह गरीब तबके के लोग अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पाते हैं. ऐसे में वायरल वीडियो की सत्यता की जांच कर दोषी जीआरपी कर्मियों पर कार्यवाही की मांग की जा रही है. अब देखना होगा जिला प्रशासन या रेल प्रशासन इस ओर क्या कदम उठाती है. पीड़ित बेसहारा लोगों सहारा देने की जगह इस ठंड में लाठीचार्ज करती है. यह घटना पुलिस की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर रही है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर