लातेहार(Latehar): पुलिस ने माओवादियों के सब जोनल कमांडर शीतल राम उर्फ शीतल मोची उर्फ शीतल रविदास को गिरफ्तार कर मंडल कारा भेज दिया है. पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लगातार सूचनाएं मिल रही थी कि बालूमाथ थाना क्षेत्र के शांति जंगल एवं आसपास के क्षेत्रों में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के रिजनल कमांडर रविंद्र गंझू का दस्ता भ्रमणशील है. दस्ता के द्वारा बालूमाथ के कोयला व्यवसायी, ईंट भठ्ठा मालिक, संवेदक व अन्य व्यवसायियों से रंगदारी व लेवी वसूलने का कार्य किया जाता था. सूचना मिलने पर एसडीपीओ बालूमाथ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने शांति जंगल में छापामारी की. पुलिस को देख कर कुछ हथियारबंद उग्रवादी वहां से भागने लगे. लेकिन पुलिस ने दौड़ा कर एक लोडेड देशी पिस्टल-एके-47, कारतूस व लेवी के दस हजार रुपये के साथ एक उग्रवादी को दबोच लिया. पूछे जाने पर उसने अपना नाम शीतल राम उर्फ शीतल मोची उर्फ शीतल रविदास, उम्र 30 वर्ष व पता हुंडराटांड, गणेशपुर, बालूमाथ बताया. उसने अपनी पहचान भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर के रूप में दी. इस संबंध में बालूमाथ में थाना कांड संख्या 47/2023 दर्ज किया गया है, उसे जेल भेज दिया है.
आईईडी एक्सपर्ट है शीतल मोची
एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि गिरफ्तार माओवादी शीतल मोची आईईडी एक्सपर्ट है. उसने कई मौके पर आईईडी प्लांट कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. एसपी ने आगे बताया कि शीतल मोची पांच लाख का इनामी नक्सली है. उन्होंने बताया कि रिजनल कमांडर रविंद्र गंझू के सक्रिय सदस्यों में मुनेश्वर गंझू, काजेश गंझू व शीतल मोची प्रमुख है. इस दस्ते के द्वारा लगाये गये आईईडी से कई निर्दोष महिला व ग्रामीण या तो घायल हुए हैं या मारे गये हैं. शीतल मोची पर लातेहार, गुमला व लोहरदगा जिला के विभिन्न थानों में कुल 25 मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि शीतल मोची पर लातेहार जिला में नौ, लोहरदगा जिला में 11 एवं गुमला जिला में पांच मामले दर्ज हैं.
छापामारी अभियान में ये पुलिस पदाधिकारी थे शामिल
छापामारी अभियान में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजीत कुमार, बालूमाथ थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद, बारियातू थाना प्रभारी मुकेश चौधरी, पुअनि धीरज कुमार, शशि रंजन कुमार, नितिश कुमार, अनि कुबेर साव, दुति कृष्ण महतो, कैलाश बाड़ा, सअनि पारसनाथ प्रसाद व रामजी ठाकुर समेत कई पुलिस बल के जवान शामिल थे.
रिपोर्ट: मनोज दत
