रांची (RANCHI) झारखंड सरकार में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में NAAC रैंकिंग के आधार पर पीएचडी अंक की बाध्यता को खत्म कर दिया है. नियुक्ति में यूजीसी की मापदंड को ही आधार बनाया है. NAAC रैंकिंग पर PHD में अंक दिए जाने के निर्णय का झारखंड के कई अभ्यर्थियों ने विरोध जताया था. इसके बाद झारखंड सरकार ने इसमें संशोधन कर दिया है. अब एक जुलाई 2023 तक NET/JET/SLET/CSIR क्वालिफाइड अभ्यर्थी भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. राज्य सरकार ने एक जुलाई 2021 की तिथि में विस्तार करते हुए एक जुलाई 2023 के बाद झारखंड में एसिस्टेंट प्रोफ़ेसर की नियुक्ति में PhD योग्यता अनिवार्य होगी और NET/JET अतिरिक्त योग्यता रहेगी.
जल्द ही JET का आयोजन करेगी JPSC
JPSC (JET) का आयोजन करेगी. विभाग ने UGC रेगुलेशन 2018 में संशोधन कर दिया है. इस परिनियम की अंतिम स्वीकृति राज्यपाल द्वारा दी जायेगी. संशोधित परिनियम के तहत युनिवर्सिटी और कॉलेज में कार्यरत शिक्षिकाओं को छह महीने का मैटरनिटी लाभ मिलेगा. जबकि पिता को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा. अब प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया में भी संशोधन किया गया है. छः अगस्त 2021 तक नियुक्त प्राचार्य का प्राचार्य कैडर होगा. इसके बाद नियुक्त प्राचार्य का पद अब टेन्योर पोस्ट होगा. यानी की इसकी नियुक्ति पांच वर्ष के लिए होगी. पांच वर्ष के बाद वो सीधे प्रोफ़ेसर बन जायेंगे. लेकीन अगर कोइ प्राचार्य अगले पांच वर्ष के लिए फिर से प्राचार्य पद को संभालना चाहते हैं तो इसकी अनुशंसा जेपीएससी करेगी.