धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल में आगलगी से बचाव के उपाय तलाशे जा रहे हैं. दो बड़ी घटनाओं के बाद भी छिटपुट घटनाएं हो रही है. आगलगी की घटनाएं कोयलांचल को परेशान कर दिया है. शहर में पिछले दिनों आग लगी की दो बड़ी घटनाएं हुई. 27 जनवरी की आधी रात को हाजरा अस्पताल के आवासीय परिसर में आग लगने से सुप्रसिद्ध डॉक्टर विकास हाजरा सहित 5 लोगों की मौत हो गई. फिर 31 जनवरी को धनबाद के आशीर्वाद टावर में आगलगी की दूसरी घटना में 14 लोग असमय काल के गाल में समा गए. बाजार के आंकड़ों पर भरोसा करें तो फायर एक्सटिंग्विशर की बिक्री कई गुणा अधिक हो गई है. पहले बिक्री इतनी अधिक नहीं होती थी, रिफिलिंग भी बहुत कम लोग करवाते थे. लेकिन अचानक बिक्री और रिफिलिंग कराने की रफ्तार बढ़ गई है. प्रशासनिक स्तर पर जांच-पड़ताल भी शुरू हुई है. इस वजह से भी लो जागरूक हुए हैं और अपने-अपने घर, प्रतिष्ठानों में लगवा रहे है. बहुत से लोग एक्सपर्ट से जानकारी भी ले रहे हैं कि कौन सा फायर एक्सटिंग्विशर सिलेंडर का उपयोग करे.
जानिए उपकरणों के प्रकार
इस संबंध में दुकानदारों का कहना है कि इसके कई प्रकार होते हैं. एक प्रकार एबीसी टाइप होता है, यह मल्टीपर्पस काम करता है. जिसका उपयोग सभी तरह की आग बुझाने लिए कर सकते हैं. इसमें मोनो अमोनियम फास्फेट होता है, जो आग पर जल्दी काबू पाया जा सकता है. एक अन्य होता है वाटर टाइप, इसका इस्तेमाल स्कूल, कार्यालयों में लकड़ी, बोर्ड, कपड़ा, जुट में साधारण आग को बुझाने में होता है. इसमें पानी और कार्बन डाइऑक्साइड होता है. डीसीपी टाइप भी एक प्रकार है. इसका उपयोग पेट्रोल पंप, बड़े होटल के किचन आदि में होता है. इसमें सोडियम बाई कार्बोनेट और CO2 होता है. यह ऑक्सीजन को खत्म कर आग को बुझा देता है. CO2 टाइप भी उपकरण होता है, इसका प्रयोग इलेक्ट्रिकल फायर के लिए किया जाता है. जहां हम पानी बिल्कुल भी नहीं डाल सकते हैं, इस सिलेंडर में कार्बन डाइऑक्साइड होता है. बड़े होटलों में क्लीन एजेंट का भी इस्तेमाल होता है. हालांकि यह काफी महंगा होता है, इसलिए इसका उपयोग कम ही लोग करते हैं. इधर, कोयलांचल में आगलगी की घटनाओं ने लोगों के रात की नींद और दिन का सुखचैन छीन लिया है. आग लगने की सूचना से ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
धनबाद से संतोष की रिपोर्ट