दुमका (DUMKA) : झारखंड की उप राजधानी दुमका है. दुमका की सीमा बिहार और पश्चिम बंगाल से लगी है. बिहार से दुमका के रास्ते पश्चिम बंगाल की सीमा में वाहन प्रवेश करता है. सड़क मार्ग यहाँ के लोगों के आवागमन के लिए लाइफ लाइन माना जाता है. रेल मार्ग से जिला लगभग एक दशक पूर्व जुड़ा है और अभी भी उतना विकसित नहीं हो पाया है.
बस स्टैंड में किया गया तोड़- फोड़
दुमका में सोमवार से शुरू हुआ बबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल हुए हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद आज शांतिपूर्ण विरोध जारी है. बस स्टैंड और नगर थाना केंद्र बिंदु बना हुआ है. पुलिस पेशोपेश में है. बबाल की शुरुवात सोमवार दोपहर से हुई. बता दें कि बस स्टैंड के एक कर्मी पर एक युवक के साथ मारपीट का आरोप है. जिसके प्रतिशोध स्वरूप कुछ युवक बस स्टैंड पहुचे. बस स्टैंड में जम कर तोड़ फोड़ किया गया. कर्मियों के साथ मारपीट की गई. दुकानों को बंद कराया गया. यह सब किसने किया यह जांच का विषय है क्योंकि कोई इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है.
3 युवक हिरासत में
ये बात यहीं समाप्त नहीं हुई. मारपीट, तोड़ फोड़ के बाद युवाओं की टोली बस स्टैंड के सामने सड़कों पर उतर कर आवागमन पूरी तरह बाधित कर दिया गया. वहीं इस घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुचीं. हालात बिगड़ते देख एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी दल बल के साथ मौके पर पहुँचे. बंद समर्थकों द्वारा पुलिस कर्मियों के साथ धक्का मुक्की की गई. जब राहगीरों के साथ बंद समर्थक बदसलूकी करने लगे तो पुलिस को सख्त रूप अख्तियार करना पड़ा. सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे तीन युवाओं को पुलिस हिरासत में लेकर थाना पहुचीं. भीड़ को तीतर वितर कर सड़क जाम समाप्त करवाया गया.
बस मालिक और कर्मी धरना पर बैठे
सड़क जाम समाप्त होने के बाद आवागमन सामान्य होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बस स्टैंड के प्रवेश द्वार पर बस मालिक और कर्मी धरना पर बैठ गए. बस कर्मी बस स्टैंड परिसर में तोड़ फोड़ और स्टैंड कर्मी के साथ मारपीट करने वालों को गिरफ्तार करने के साथ सुरक्षा की मांग पर डटे रहे. पुलिस द्वारा जिस 3 युवकों को हिरासत में लिया गया था उसे छुड़ाने काफी संख्या में युवा नगर थाना पहुँच गए. थाना परिसर में पुलिस के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गई.
एक युवक समुदाय के धर्म गुरु
इस दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही. काफी जद्दोजहद के बाद जब पुलिस तीनों युवकों को छोड़ने पर सहमत हुई तो युवाओं द्वारा एक अनोखी मांग रख दी गयी, जिसमें कहा गया कि पुलिस ने जिसे हिरासत में लिया है उसमें एक युवक समुदाय के धर्म गुरु हैं. उन्हें सम्मान के साथ पगड़ी पहना कर थाना से विदा करे. लेकिन जब पुलिस ने यह शर्त नहीं मानी तो युवाओं की टोली खुद से धर्मगुरु को पगड़ी पहना कर और पुष्प बर्षा कर अपने साथ ले गयी. थाना का माहौल शांत कर पुलिस पदाधिकारी बस कर्मियों को समझाने बस पड़ाव पहुची. सुरक्षा के बाबत भरोशा दिया गया कि स्टैंड परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. लेकिन आज सुबह से विरोध प्रदर्शन का दौर फिर से शुरू हो गया.
पुलिस पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप
दरअसल पुलिस द्वारा तीनों युवकों को छोड़ने के बाद आरोपी बस स्टैंड कर्मी को हिरासत में लिया गया. सुबह जब यह खबर बस मालिक और कर्मियों को लगी तो सभी नगर थाना पहुँच कर धरना पर बैठ गए. पुलिस पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया जा रहा है. हिरासत में लिए गए कर्मी को रिहा करने की मांग की जा रही है. उधर परिवहन पूरी तरह बंद है. वाहनों के चक्के पर ब्रेक लग गया है. तमाम बसें स्टैंड में खड़ी है और सड़कें वीरान है.
रिपोर्ट: पंचम झा