दुमका (DUMKA): ग्रामीण क्षेत्रों में एक कहावत बड़ा प्रचलित है. "जब तक पृथ्वी पर बुड़बक जिंदा है तब तक होशियार भूखे नहीं मर सकते" इस कहावत के माध्यम से हमारी मंशा किसी की भावना को ठेस पहुचाने की नहीं है. लेकिन झारखंड की उपराजधानी दुमका में हैरान करने वाला एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसे सुनकर आप भी शायद यही कहेंगे. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती एक मरीज से ब्लड दिलाने के नाम पर 5 हजार रुपए की ठगी कर ली गयी. ठगने का आरोप किसी और पर नहीं बल्कि उस मरीज के बगल के बेड पर भर्ती एक मरीज पर है. रुपये लेने वाला मरीज अस्पताल से चला गया जबकि ठगी के शिकार मरीज आवेदन लेकर न्याय की आस में थाना का चक्कर काट रहा है.
जानिए क्या है पूरा मामला
हाथों में आवेदन लेकर नगर थाना जाते इस व्यक्ति का नाम है आलोका मुर्मू. मसलिया जिला के पोचापानी गांव के रहने वाले आलोका मुर्मू की तबियत बिगड़ने पर परिजनों द्वारा उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इसका इलाज चल रहा था. स्लाइन के साथ इसे ब्लड चढ़ाने की जरूरत थी. स्लाइन तो इसे अस्पताल द्वारा चढ़ाया गया साथ ही पर्ची पर ब्लड लाने के लिए लिख कर दे दिया गया. ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले आलोका को पता नहीं था कि ब्लड बैंक से कैसे ब्लड लिया जाता है. ब्लड मुहैया कराने का नाम सुनकर वह परेशान हो गया. उसकी परेशानी बगल के बेड पर भर्ती रजाउल अंसारी नमल एक मरीज ने देखी तो मदद का भरोसा दिया. उसने एक यूनिट ब्लड की कीमत 5 हजार रुपये बताया. आलोका किसी तरह रुपये की व्यवस्था कर ब्लड के लिए 5 हजार रुपए रजाउल अंसारी को दे दिया. मदद का भरोशा देने के नाम पर दोनों में दोस्ती भी हो गयी. रजाउल अंसारी शिकारीपाड़ा थाना के सोनाढाब गांव का रहने वाला है. लेकिन रुपये मिलने के बाद रात को अचानक रजाउल अंसारी फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल से अपने घर चला गया. इधर आलोका ब्लड का इंतजार करता रहा. जब उसे लगा कि वह ठगी का शिकार हो गया है.
थाना से लगाई न्याय की गुहार
जिसके बाद वह आवेदन लेकर नगर थाना पहुचा. थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई. इस बाबत पूछे जाने पर नगर थाना प्रभारी अरबिंद कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. पुलिस तमाम बिंदुओं पर अनुसंधान में जुटी है.
अपराध नहीं तो और क्या ?
यहां सवाल उठता है कि रक्त दान को महादान कहा जाता है. रक्तदान के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है. लोग भी खुशी खुशी रक्तदान करते है, यह सोच कर की किसी की वह किसी के जीवन बचाने के काम आएगा. यह भी प्रचार प्रसार किया जाता है कि ब्लड बैंक से रक्त की खरीद बिक्री नहीं होती बल्कि रक्त के बदले रक्त देना पड़ता है. लेकिन इसके बाबजूद भी रक्त मुहैया कराने के नाम पर एक गरीब व्यक्ति से 5 हजार रुपए की ठगी एक अपराध नहीं तो और क्या है? वैसे भी दुमका में फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो चालू कर दिया गया. लेकिन आज भी ब्लड बैंक अस्पताल से दूर समाहरणालय के समीप है. जिससे आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
रिपोर्ट. पंचम झा