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बाबा मंदिर में त्रिशूल की जगह लगा है पंचशूल, दर्शन मात्र से मिलता है शिव का आशीर्वाद, जानें शास्त्रों में क्या है वर्णन

बाबा मंदिर में त्रिशूल की जगह लगा है पंचशूल, दर्शन मात्र से मिलता है शिव का आशीर्वाद, जानें शास्त्रों में क्या है वर्णन

देवघर(DEOGHAR):बाबा बैद्यनाथ धाम की अनेक विशेषताए है, जो अनेक तीर्थ स्थलों से इसे भिन्न बनाता है. ऐसा ही एक विशेषता है, यहां स्थित सभी मंदिरो के ऊपर त्रिशुल की जगह पंचशूल का होना. जानकारों के अनुसार देश के सभी द्वादश को ज्योतिर्लिंगो में सिर्फ बैद्यनाथ धाम में ही सभी मंदिरो के ऊपर पंचशूल है जिसका शास्त्रो में भी वर्णन है.

त्रिशूल की जगह पंचशूल स्थापित करने की वजह

देवघर के बाबा मंदिर परिसर स्थित मुख्य द्वार सहित सभी मंदिरो के ऊपर त्रिशूल की जगह पंचशुल है, जो वास्तुकला के दृष्टिकोण से इसे अलग पहचान तो देता ही है,इसके पीछे धार्मिक मान्यताये भी है. भगवान भोलेनाथ को प्रिय मंत्र ओम नमः शिवाय पंचाक्षर होता है. भगवान भोलेनाथ को रुद्र रुप पञ्चमुख है, ऐसी मान्यताये है कि भगवान शंकर ने अपने सबसे प्रिय शिष्य शुक्राचार्य को पञ्चवक्त्रम निर्माण की विधि बतायी थी.

लंका के चारो द्वार पर पंचशूल लगवाया था

बाद में लंकापति रावण ने शुक्राचार्य से यह विद्या सीखी और उसी के आधार पर उसने लंका के चारो द्वार पर पंचशूल लगवाया था. ये पंचशूल मनुष्य को अजेय शक्ति प्रदान करता हैं, यही वजह हैं कि भगवान राम के लिए भी लंका अमेघ बन गयी थी. बाद में विभिषण ने इस रहस्य की जानकारी भगवान राम को दी दिया था. और तब अगस्त मुनि ने पंचशूल ध्वस्त करने का विधान बताया था. रावण ने उसी पंचशूल को इस मंदिर पर लगाया था, ताकि इस मंदिर को कोई क्षति नहीं पहुंचा सके. बाबाधाम में स्पर्श पूजा का महत्व है, लेकिन इन दिनो अर्घा के माध्यम से बाबा का जलार्पण हो रहा है. कोई श्रद्धालू जलार्पण करने में अक्षम है, तो पंचशूल का दर्शन करने से ही बाबा का दर्शन जैसा फल प्राप्त होता है.

दुसरी ओर ऐसी मान्यता है कि ज्ञान की प्राप्ति सिर्फ शिव की उपासना से ही हो सकती है, और मनुष्य के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है. मोक्ष प्रदान करने के लिए भगवान भोलेनाथ यहां पंचशूल धारी के रुप में विराजमान है. जानकारो के अनुसार इस पंचशूल के दर्शन मात्र से पुरे शिव परिवार के दर्शन का पुन्य प्राप्त होता है.

पंचशूल का दर्शन शिव का दर्शन समान

पंचशूल को मनुष्य के जीवन चक्र के पांचशूलो के घोतक और पंच प्राणों के रुप में जाना जाता है, इसे तंत्र विद्या से भी जोड़ कर देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी शिवलिंग के दर्शन किये बिना पंचशूल का सिर्फ दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाये पूर्ण हो जाती है.

रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा

Published at:16 Jul 2023 03:16 PM (IST)
Tags:Panchshul is installed in place of Trishul in Baba temple Shiva's blessings are received only by darshan know what is described in the scripturesDEOGHARPANCHSUL Baba templeShiva's blessings are received darshan
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