देवघर(DEOGHAR): देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम की अनेक विशेषताए है जो अनेक तीर्थ स्थलों से इसे अलग बनाता है. ऐसा ही एक विशेषता है यहा स्थित सभी मंदिरो के ऊपर त्रिशुल की जगह पंचशूल का होना. जानकारो के अनुसार देश के सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगो में सिर्फ बैद्यनाथ धाम में ही सभी मंदिरो के ऊपर पंचशूल है जिसका शास्त्रो में भी वर्णन किया गया है. लंकापति रावण द्वारा यहाँ पंचशूल स्थापित की गई है. पंचशूल के बारे में बताया जाता है कि यहाँ कितनी भी बड़ी प्राकृतिक आपदा आने से भी मंदिर को कोई क्षति नहीं पहुचेगी. किसी भी अस्त्र शस्त्र का भी इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. यही कारण है कि बाबा मंदिर प्रांगण स्थित सभी मंदिरों में त्रिशूल की जगह पंचशूल स्थापित है. सभी मंदिरों के शिखर पर स्थापित पंचशूल को साल में एक ही दिन उतारा जाता है. यह अवसर होता है महाशिवरात्रि का.
इसी कड़ी में सोमवार को मुख्य और पार्वती मंदिर के शिखर से पंचशूल को उतारा गया था. आज विधि विधान से सरदार पंडा पंडित गुलाबानन्द ओझा एवं अन्य तीर्थ पुरोहित द्वारा पंचशूल की पूजा अर्चना की गई. फिर इसे मुख्य और पार्वती मंदिर के शिखर पर स्थापित कर दिया गया. पंचशूल लगते ही भोलेनाथ और माँ पार्वती मंदिर के बीच गठबंधन पूजा शुरू हो गया. पंचशूल स्थापित होने के दौरान मंदिर में डीसी विशाल सागर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय और श्रद्धालु मौजूद रहे. इसके साक्षी बने.वही कई ऐसे भी है जिनके द्वारा पंचशूल को स्पर्श करने की होड़ मची रही.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा