पलामू(PALAMU): गली मोहल्ले से लेकर बड़े शहरों में धूम धाम से जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला गया है. पूरा इलाका “मरहबा या मुस्तफा” के नारों से गूँजता रहा. हर तरफ एक अलग सी खुशी देखने को मिल रही है.पलामू में भी हर ओर धूम है. मेदिनीनगर शहर में जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया. जुलूस मोहर्रम इंतजामिया के जनरल जीशान खान और पलामू सदर मुस्तफा कमाल के नेतृत्व में निकला गया.
जुलूस सुबह 8:00 बजे मरकजी मदरसा से शुरू होकर मुस्लिमनगर लाल कोठ भट्टी मोहल्ला कनीराम ,सत्तार सेठ चौक,विष्णु मंदिर पंचमुहान चौक, जिला स्कूल चौक होते हुए फिर थाना रोड हॉस्पिटल चौक कुंड मोहल्ला मिल्लत मस्जिद रोड होते हुए मरकजी मदरसा जुलूस की समाप्ति की गई. जुलूस के दौरान नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर नारे रिसालत या रसूल अल्लाह हुजूर की आमद मरहबा दिलदार की आमद मरहबा की सदाएं गूंजता रहे. जगह-जगह ओलामा हुजूर पैगंबर साहब के जीवनी प्रकाश डाला.
जुलूस के दौरान मस्जिदों के इमाम ने पैगंबर साहब के जीवनी के बारे में विस्तार रूप से चर्चा की. छ: मुहान चौक पर मदीना मस्जिद के इमाम सैयद रजी अहमद ने कहा कि मुसलमानों को हजरत मुहम्मद के बताए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची मोहब्बत होगी. सभी मुस्लिम भाई-बहन हजरत मुहम्मद (स) को आखिरी नबी मानते हैं. उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद का दुनिया में आना सभी के लिए खैर व बरकत की बात है. कुरान पाक उन्हीं पर नाजिल हुआ. मुसलमानों के किरदार से किसी को तकलीफ हो जाना हजरत मोहम्मद के किरदार से मेल नहीं खाता. उन्होंने कहा कि इस्लाम में न जुल्म सहने की इजाजत है और न जुल्म करने की. कोई दुश्मन हमारे मुल्क पर उंगली उठाएगा तो उसकी उंगली तोड़ देंगे.
चौक बाजार मस्जिद इमाम जुबेर अहमद बरकाती ने कहा कि हजरत मोहम्मद दुनिया के लिए रहमत बन कर आए. उनके कई वाक्या हैं, जिससे यह सीख मिलती है कि आपके किरदार ऐसे होने चाहिए जिसे देख कर लोग आकर्षित हों. इस मौके पर नात खानो ने एक से बढ़कर एक नातिया कलाम पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
यह मुख्य रूप से रहे शामिल
जुलूस के दौरान मौलाना महताब नुरी, मौलाना एजाज, मुफ्ती मौजीबुल्ला अंसारी, कारी जसीम, मो. बरूहक, मो. कलाम, मो. नेयाज अहमद, मो. असगर हुसैन,टार्जन आलम,जिमी सिद्दीकी,पिंटू राईन,वारिस आलम इसराइल आजाद उर्फ मिंटू, मो. खुर्शीद आलम, मक्कू आलम, मो. शाहिद, बंटी राइन, विक्की राइन, लड्डू अंसारी, अनवर अंसारी, फैसल आलम, सहबाज आलम, मोजम खलीफा, इस्माइल खलीफा, मो. रजी, शमशेर खान, सबलू खान, सोनू खान, आशीफ राइन, इमरान कुरैशी, मासूम अंसारी, सोनू साह, जाफर महबूब, समीम अहमद उर्फ हाजी ललन, सन्नू सिद्दीकी समेत अन्य लोग शामिल थे
हुजूर की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, हिंदुस्तान जिंदा बाद के नारे से गूंजा क्षेत्र
ईदमिलादुन्नबी के मौके पर पलामू जिला के हैदरनगर में विभिन्न मदरसों ने भव्य जुलूस ए मोहम्मदी निकाला. भाई बिगहा के मदरसा मोहम्मदिया के नेतृत्व में जुलूस हैदरनगर के विभिन्न गली मोहल्लों से गुजरते हुए भाई बिगहा में जलसा में तब्दील हो गया. जुलूस में मरकजी पब्लिक स्कूल बभनडी के बच्चे हाथ में इस्लामी झंडा लिए थे, जो आकर्षण का केंद्र रहे. जुलूस में हैदरनगर बाजार मस्जिद मोहल्ला, बंशीपुर ,इस्लाम गंज, शेखपुरा आदि के लोग बड़ी संख्या में शामिल थे.
जुलूस में शामिल लोग, सरकार की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा, हिंदुस्तान जिंदा बाद, इस्लाम जिंदाबाद, संविधान जिंदाबाद आदि नारे लगा रहे थे, जिससे पूरा इलाका गूंज उठा. जलसा की शुरुआत तिलावत ए कुरान ए पाक से की गई. जलसा को खिताब करते हुए हैदर नगर बड़ी मस्जिद के पेश इमाम मौलाना अहमद अली खान रजवी ने कहा कि मुसलमानों को हजरत मुहम्मद के बताए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची मोहब्बत होगी. उन्होंने कहा कि सभी मुस्लिम भाई बहन हजरत मुहम्मद (स) को आखिरी नबी मानते हैं. इसी पर सभी का ईमान है. उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद का दुनिया में आना सभी के लिए खैर व बरकत की बात है.
उन्होंने कहा कि कुरान पाक उन्हीं पर नाजिल हुआ. अहमद अली खान रजवी ने कहा कि सिर्फ हजरत मुहम्मद को मानना बड़ी बात नहीं है, हजरत मुहम्मद की भी मानना सबसे ज्यादा जरूरी है. जब हजरत मुहम्मद की मानेंगे तो झूठ, फरेब, बेईमानी, रिश्वत के साथ साथ किसी को तकलीफ नहीं पहुंचाएंगे, सभी को समान आदर देंगे, ऊंच नीच काला गोरा का भेद नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के किरदार से अगर किसी को तकलीफ हो जाना हजरत मुहम्मद के किरदार से मेल नहीं खाता. उन्होंने कहा कि इस्लाम जुल्म की इजाजत नहीं देता, न जुल्म सहने की इजाजत है, न जुल्म करने की इजाजत है. इस्लाम के मानने वाले सभी धर्मस्थलों का आदर करते हैं. कोई दुश्मन हमारे मुल्क पर उंगली उठाएगा तो उसकी उंगली तोड़ देंगे. इस मौके पर हाफिज सलाहुद्दीन अयूबी ने कहा कि हजरत मुहम्मद दुनिया के लिए रहमत बन कर आए.
उनके कई वाक्या है, जिससे यह सीख मिलती है की आपके किरदार ऐसे होने चाहिए जिसे देख कर लोग आकर्षित हों. उन्होंने कहा कि हम मुहम्मद स की उम्मत हैं, इसका हमे हमेशा ख्याल रखना चाहिए. इस मौके पर मदरसा के बच्चों व नात खानो ने एक से बढ़कर एक नातिया कलाम पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मौके पर अंसार खान, अलाउद्दीन खान,मौलाना फहीम नूरी, हाफिज अबुल कलाम, हाफिज शमश तबरेज, जाफर हवारी, सज्जू खान, मतीन खान,राजू खान, अशरफ हसन, मास्टर कलीमुद्दीन, जलालुद्दीन अंसारी, प्रावेज अहमद अंसारी, प्रवेज़ अहमद, खुर्शीद अंसारी, उस्मान हज्जाम, बब्बू अंसारी, शमीम राईन, युनुस अंसारी, सफदर हसन, अकीक अंसारी, अहमद अली अंसारी के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.