रांची(RANCHI)- झारखंड में विकसित भारत संकल्प यात्रा को लेकर कहीं न कहीं चिंता हो रही है. इस योजना का शुभारंभ पिछले 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की खूंटी जिले से किया था झारखंड में ही इसकी रफ्तार बहुत उत्साह जनक नहीं है.
आखिर क्यों ऐसी स्थिति है जानिए जरूर
इस योजना का मकसद ही है भारत को 2047 तक की विकसित राष्ट्र बनाना इसी उद्देश्य से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है.15 नवंबर,2023 को इसका शुभारंभ हुआ है. पूरे देश में यह यात्रा चल रही है ताजा जानकारी के अनुसार 110000 से अधिक पंचायत में यह कार्यक्रम हो चुका है. झारखंड की स्थिति अच्छी नहीं है. इसको लेकर चिंता व्यक्त की गई है.इसके कारण कई हो सकते हैं भाजपा नेताओं का कहना है कि क्योंकि यह सरकारी कार्यक्रम है और सरकारी मशीनरी के द्वारा ही इसे किया और कराया जाना है. यहां पर यानी झारखंड में सरकारी तंत्र की गठित उदासीनता के कारण योजना पर बहुत फोकस नहीं हो पा रहा है. फिर भी भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं. केंद्रीय स्तर से इसकी मॉनिटरिंग हो रही है.
सांसद और विधायकों को दिया गया है दायित्व
झारखंड में सांसद और विधायकों को इस कार्यक्रम में लगाया गया है. प्रत्येक पंचायत में यह कार्यक्रम पहुंचे और इसके माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ वांछित लोगों तक पहुंचाने में सहयोग किया जाना है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा है कि सरकारी तंत्र यानी झारखंड सरकार की जो मशीनरी है, उसका भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही विकसित भारत संकल्प यात्रा के प्रति बहुत उत्साह जनक एप्रोच नहीं है.बल्कि रवैया निराशाजनक कहा जा सकता है.कुछ दिन पहले राज्यपाल सी पी राधा कृष्ण ने कहा था कि झारखंड सरकार के अधिकारियों को इस योजना पर विशेष ध्यान देना चाहिए यह योजना जरूरतमंद लोगों के लिए बनाई गई है.इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए.