धनबाद(DHANBAD); धनबाद के विकास में अपराध और अपराधी कैसे बाधक बने हुए है,इसकी कलई अब खुलने लगी है.वासेपुर का गैंगस्टर और इलाके में बॉस के नाम से प्रसिद्ध फहीम खान के खिलाफ पुलिस सबूत जुगाड़ने में लग गई है. अमन सिंह ,प्रिंस खान के साथ-साथ फहीम खान गिरोह भी पुलिस के निशाने पर है. फहीम खान पुराने समर्थकों को एक बार फिर गोलबंद करने की कोशिश कर रहा है. फिलहाल वह जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. लेकिन रेल ठेकेदारों, ओवर ब्रिज का निर्माण कर रही कंपनी और स्क्रैप के बड़े कारोबारियों से फहीम खान के लोगों द्वारा रंगदारी मांगने का मामला सामने आने लगा है.
कंपनी से रंगदारी मांगने की योजना रांची रिम्स में बनी थी
अभी हाल ही में जेल जाने से पहले फहीम खान समर्थकों ने उसके बारे में पुलिस को पुख्ता जानकारी दी है .पुलिस को जानकारी मिली है कि ओवर ब्रिज निर्माण कर रही कंपनी से रंगदारी मांगने की योजना रांची रिम्स में बनी थी. 29 अगस्त को फहीम खान को जमशेदपुर से इलाज के लिए रांची रिम्स लाया गया था. रिम्स में ही वह अपने लोगों से मिला था और वहीं पर कई रेल ठेकेदारों से रंगदारी मांगने की योजना बनाई गई थी.तोपचांची के राम कुंडा ओवर ब्रिज बना रही कंपनी से रंगदारी मांगने की योजना भी इसी बैठक में बनी थी. इस बैठक में सिर्फ धनबाद के ही नहीं बल्कि कोलकाता के भी कुछ लोग शामिल बताए गए हैं. पुलिस के हाथ उस बैठक की तस्वीर भी लग गई है .यह तस्वीर जेल भेजे गए आरोपियों के मोबाइल से पुलिस को मिली है. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था और भारी मात्रा में उनके पास से हथियारों का जखीरा बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली थी.
पुलिस के हाथ लगे कई सबूत
यह भी जानकारी सामने आई है कि रंगदारी मांगने के लिए पहले स्कॉर्पियो से फहीम खान के लोग गए थे, उसके बाद फिर थार गाड़ी से भी पहुंचे थे. कौन कब किस गाड़ी में गया था, इसकी भी सूची पुलिस को मिल गई है .अब धनबाद पुलिस इस गिरोह पर नकेल कसने में भिड़ गई है. धनबाद में हाल के दिनों में रंगदारों के कारण माहौल अशांत हो गया था. लेकिन कारोबारियों को आश्वासन देने के बाद पुलिस ने जब सक्रियता बढ़ाई, खोजबीन शुरू की, कार्रवाई तेज की तो गैंग्स के लोगों की कलाई खुलने लगी है.
दरअसल, धनबाद में ईजी गोइंग मनी से मौज करने की लोगों को लत लग गई है. आश्चर्य होता है कि ना कोई धंधा और ना कोई व्यवसाय फिर भी इनका ठाट बाट देखने लायक होता है. यह सब सिर्फ फायरिंग गैंग के पास ही नहीं होता, बल्कि मजदूरों के नाम पर कोलियरी क्षेत्र में आंदोलन करने वाले कतिपय नेताओं के पास भी इसी तरह के सुख सुविधाएं होती हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो