धनबाद(DHANBAD): बीसीसीएल के बगैर कोयलांचल की कल्पना बेमानी होगी और फिलहाल जो हालात पैदा हुए हैं, उनमें आउटसोर्सिंग कंपनियों के बिना बीसीसीएल का कोई अस्तित्व ही नहीं रह जाएगा. नतीजा है कि हर महत्वपूर्ण बैठक में आउटसोर्सिंग कंपनियों की कमियों को लगातार मजदूर संगठन उठाते रहते है. कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड की कोलकाता में हुई बैठक में भी आउटसोर्सिंग कंपनियां निशाने पर रही. कहा गया कि खान सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जाता है. आउटसोर्सिंग खदानों में दुर्घटनाएं होती हैं तो छुपा दिया जाता है. प्रबंधन को भी निशाने पर लिया गया. क्योंकि बीसीसीएल के अधीन ही आउटसोर्सिंग कंपनियां काम करती है.
आउटसोर्सिंग कंपनियों में हो रहे हादसों की रिपोर्टिंग नहीं होती
कहा गया कि आउटसोर्सिंग कंपनियों में हो रहे हादसों की रिपोर्टिंग सही ढंग से नहीं की जाती. आंकड़े देकर बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में हुई दुर्घटनाओं को बताया गया. ठेका एवं आउटसोर्सिंग कंपनियों की बायोमेट्रिक हाजिरी बनवाने की मांग मजबूती से उठाई गई. लॉजिक दिया गया कि जब तक बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं होगी, तब तक आउटसोर्सिंग कर्मियों की रिपोर्टिंग प्रतिदिन स्थानीय, क्षेत्रीय या मुख्यालय स्तर पर मैनेजमेंट के पास उपलब्ध कैसे हो सकती है.
बीसीसीएल का कोयला उत्पादन आउटसोर्सिंग कंपनियों के भरोसे
बीसीसीएल का कोयला उत्पादन आउटसोर्सिंग कंपनियों के भरोसे ही चलता है. लेकिन इन कंपनियों में खान सुरक्षा महानिदेशालय के निर्देशों का सही-सही पालन नहीं किया जाता. कोयला चोरी को लेकर भी आउटसोर्सिंग कंपनियां निशाने पर रहती है. टास्क फोर्स की बैठक में भी बीसीसीएल मैनेजमेंट को लगातार हिदायत मिलती है कि कोयला चोरी रोकने के पुख्ता इंतजाम करें , लेकिन ऐसा होता नहीं है. आउटसोर्सिंग कंपनियों को ठेके पर बीसीसीएल मैनेजमेंट ही देता है, इसलिए बीसीसीएल अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो