धनबाद(DHANBAD): कोयला उत्पादन में लगी आउटसोर्स कंपनियों के दिन अभी ठीक नही चल रहे. मंगलवार को धनबाद में संचालित आउटसोर्सिंग कंपनियों के खिलाफ दो कार्रवाइयों ने उन्हें चर्चा में ला दिया है. एक करवाई ECL के अधीन संचालित आउटसोर्सिंग कंपनी पर हुई तो दूसरी कार्रवाई बीसीसीएल के अंतर्गत चलने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी पर हुई.
कंपनी पर ओवर बर्डन हटाए बिना ही 9 करोड रुपए उठा लेने का आरोप
जानकारी के मुताबिक ECLके मुगमा क्षेत्र की निरसा ओसीपी आउटसोर्सिंग कंपनी में मंगलवार की दोपहर मुख्यालय की तीन सदस्य वाली निगरानी टीम ने छापेमारी की. कंपनी पर ओवर बर्डन हटाए बिना ही 9 करोड रुपए उठा लेने का आरोप है. एक सूत्र ने यह रकम 12 करोड रुपए बताया है. कंपनी ने करीब 12 लाख क्यूबिक मीटर ओवर बर्डेन की गलत माफी दिखाकर रुपए उठा लिए. इसी मामले की जांच के लिए मुख्यालय से निगरानी टीम पहुंची थी. पूछताछ के बाद कुछ कागजात जब्त कर अपने साथ ले गई. सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के नागपुर की एक कंपनी ने 2018 में आउटसोर्सिंग का काम शुरू किया था. करीब 6 वर्ष के कार्यकाल के दौरान बिना ओवर बर्डेन हटाए ही करीब 12 लाख क्यूबिक मीटर का बिल बनाकर भुगतान ले लिया था. किसी ने इसकी शिकायत कोयला मंत्रालय से कर दी .इसके बाद इसकी जांच शुरू हुई. हालांकि अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन मामला चर्चा में है.
परियोजना में चल रहे भारी वाहनों की औचक जांच
इसी तरह जिला परिवहन पदाधिकारी ने मंगलवार को बीसीसीएल के बस्ताकोला एरिया के राजापुर परियोजना में चल रहे भारी वाहनों की औचक जांच की. 120 से अधिक भारी वाहनों की जांच हुई. वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, रोड टैक्स, फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस पॉल्यूशन सहित अन्य मानकों की जांच की गई. जांच में गड़बड़ी मिलने पर 40 वाहनों को जब्त कर लिया गया है. यह आरोप आउटसोर्सिंग कंपनियों पर लगते रहे हैं कि जो भी भारी वाहन चलते हैं, उनके कागजात फेल होते हैं. यहां तक की बिना ड्राइविंग लाइसेंस के भी चालकों से गाड़ियां चलवाई जाती है. जो भी हो लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनियों पर जो आरोप लगते रहे हैं ,जब भी जांच होती है तो कुछ ना कुछ तथ्य जरूर मिलते हैं. फिलहाल कोयला कंपनियों का प्रोडक्शन लगभग आउटसोर्सिंग कंपनियों के भरोसे ही चल रहा है.
आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों का करती है उल्लंघन
ओवर बर्डेन डंपिंग में भी आउटसोर्सिंग कंपनियां मनमानी करती हैं. अभी हाल ही में धनबाद के उपायुक्त वरुण रंजन ने निर्देश दिया था कि अगर रैयतों की जमीन पर डंपिंग हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. जो भी हो आउटसोर्सिंग कंपनियां के आगे कोयला मैनेजमेंट कभी तन कर खड़ा होता दिखता नहीं है. इसके कारण चाहे जो भी हो लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करती हैं. फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर केवल "आईवाश" ही होता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो