देवघर(DEOGHAR): पहले के जमाने मे भारत को यूँ ही नहीं कृषि प्रधान देश कहाँ जाता था. उस समय किसानों की खुशहाली का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता था कि किसान खुद अपनी उपज का व्यापार कर आर्थिक मजबूत रहते थे. धीरे धीरे बिचौलिया गिरी हावी होने लगा. कारपोरेट घरानों के कारण बिचौलिया किसानों को प्रलोभन देकर उनसे उपज की खरीदारी करते थे. फिर उनकी उपज को एक ब्रांड बनाकर उद्योगपतियों द्वारा अपना जेब भरा जाता रहा है. बिचौलियों द्वारा बाजार की ऐसी हालत बना दी गई कि किसान संसाधन की कमी,उपज के अनुसार कीमत नही मिलने से परेशान हो कर खेती से मुँह मोड़ने लगे. किसानों को अपना हक और अपने उपज का सीधा व्यापार करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई 2020 को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की. इस योजना के तहत किसानों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 प्रतिशत ब्याज दर पर 2 करोड़ तक का लोन दिया जाने लगा. इस योजना से कई ऐसे किसान है जो खुद खेती कर खुद की कंपनी चला कर आर्थिक मजबूत बन रहे है. झारखंड के किसान भी इस योजना का कैसे लाभ ले और कैसे अपनी स्थिति को सुधार कर आत्मनिर्भर किसान बने इसके लिए बाबा नगरी देवघर में आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. देवघर में आज एक दिवसीय एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. झारखंड के किसान भी इस योजना का लाभ ले और अपनी स्थिति को सुधार कर आत्मनिर्भर बने इसके लिए बाबा नगरी देवघर में आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन शिल्पग्राम में किया गया. कार्यकर्म का उद्धाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, जिप अध्यक्ष किरण कुमारी सहित अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
बड़ी संख्या में किसान हुए मौजूद
आयोजित कार्यशाला में बड़ी संख्या में जिला के किसान मौजूद रहे. कार्यशाला के माध्यम से उपस्थित किसानों को बताया गया कि कैसे अपनी फसल को उपजाने के बाद उसके काटने के बाद क्या किया जाए. कैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना का लाभ ले सके. इसकी विस्तृत जानकारी किसानों को दी गयी.
जानकारी के अनुसार किसानों को अपने हक और अपने उपज का सीधा व्यापार का लाभ मिल सके, उसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई 2020 को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की. इस योजना के तहत किसानों को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 प्रतिशत ब्याज दर पर 2 करोड़ तक का लोन दिया जाने लगा. इस योजना से कई ऐसे किसान है जो खुद खेती कर खुद की कंपनी चला कर आर्थिक मजबूत बन रहे हैं.
मड़ुआ और कोदो को दिया जाएगा बढ़ावा
किसानों के आयोजित कार्यशाला में झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अब किसानों को अपने उपज के बाद अपनी फसल कैसे बेचे इसके लिए सोचना नहीं पड़ेगा. किसान अब गेहूं की उपज करने के बाद आटा कैसे बने, धान से चावल, टमाटर से सौस इत्यादि का खेती कर कैसे आत्मनिर्भर बने इसके लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बहुत कारगर साबित हो रहा है. अब किसान इस योजना का लाभ लेकर सीधा गेंहू से आटा तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं. जिससे उनकी लागत से ज्यादा लाभ हो रहा है. मंत्री ने बताया कि पुराने जमाने मे जिस प्रकार से मड़ुआ और कोदो की खेती होती थी वैसे ही झारखंड के किसान को इसकी खेती करने में राज्य सरकार अत्यधिक प्रोत्साहित कर रही है. एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना से बिचौलिया गिरी पूरी तरह समाप्त हो गयी है.जो किसान बिचौलिया के चंगुल से बाहर निकले हैं उन्हें अब उनके उत्पादन का बेहतर मूल्य मिल रहा है.सीधा व्यापार कर आर्थिक मजबूत बन रहे है.
रिपोर्ट. रितुराज सिन्हा