धनबाद(DHANBAD): उत्तर प्रदेश का माफिया अतीक अहमद अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसके पालतू कुत्तों को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है. अतीक का चकिया स्थित मकान ध्वस्त होने के बाद कुत्ते लावारिस भूखे मरने लगे थे. तब पुलिस की पहल पर नगर निगम ने डेन नस्ल के इन कुत्तों को अपनी देखरेख में ले लिया. आरोप लगाया गया है कि तीनों कुत्तों को एक ब्रीडर के हवाले कर दिया गया है और एक कॉस्टली कुत्ता गायब है. गुरुवार को जानवरों के रखरखाव की लड़ाई लड़ने वाला रक्षा संगठन निगम पंहुचा. रक्षा संगठन संचालित करने वाली महिला भी निगम पहुंच गई. इसके बाद हंगामा होने लगा. उनका आरोप था कि निगम ने जानबूझकर कुत्तों को एक ब्रीडर के हवाले कर दिया है. मामला तूल पकड़ने के बाद निगम ने टीम भेजकर अतीक के कुत्तों की पड़ताल कराई तो साफ हुआ कि तीनों कुत्ते सही है. कुत्तों को अडॉप्ट करने वाले शख्स ने तीनों कुत्तों को दिखाया.
निगम का दावा -कुत्ते सही सलमत है
रक्षा संगठन का आरोप है कि कुत्तों की देखभाल सही ढंग से नहीं की जा रही है. निगम का कहना है कि तीनों कुत्तों को एक परिवार ने स्वीकार किया है. कोई कुत्ता गायब नहीं है. देखिये समय का चक्कर ,पहले अतीक से मिलने जाने वाले पहले कुत्तो से हाथ मिलाते थे ,तब अतीक से मिलते थे लेकिन अब कुत्ते दूसरे के घर में शरण लिए हुए है. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस घेरे में अभी हाल ही में गोलियों से भून दिया गया था. घटना को तीन युवकों ने अंजाम दिया था. सभी पत्रकार बनकर पुलिस दल के समीप पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड फायरिंग की गई, जिनमें 8 गोली अतीक अहमद को लगी थी. बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर के दो दिन बाद अतीक अहमद की हत्या कर दी गई. अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या उस समय की गई, जब उन्हें मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था.