☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

एक बार फिर झारखंड में उठ रही है सहायक पुलिस कर्मियों की मांग, इस बार कौन सा रूप लेगा आंदोलन ?

एक बार फिर झारखंड में उठ रही है सहायक पुलिस कर्मियों की मांग, इस बार कौन सा रूप लेगा आंदोलन ?

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड सहायक पुलिस की बात कुछ ज़्यादा पुरानी नहीं है. अभी कुछ दिन पहले की ही तो बात है जब रांची का मोरहाबादी मैदान तीन महीनों के लिए सहायक पुलिस का ठिकाना बन गया था. इनमें महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे. पुलिस कर्मियों का उग्र आंदोलन देखने को मिला था जिसके बाद उनके 2 हजार रुपये में वृद्धि की गई थी. हालांकि एक बार फिर अपनी मांग को लेकर सहायक पुलिस अपने आंदोलन पर जोर डाल रहे हैं.

दरसअल साल 2017 में झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में 2,500 सहायक पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई थी. इन्हें हर महीने 10,000 रुपये मानदेय पर तीन साल के कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था. उस समय राज्य में बीजेपी की सरकार थी और रघुवर दास मुख्यमंत्री थे. उन्होंने वादा किया था कि जो सहायक पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाएंगे, उन्हें तीन साल बाद स्थायी सिपाही की नौकरी दी जाएगी. लेकिन सरकार बदली और यह वादा पूरा नहीं हो सका. उल्टा 2019 और 2021 में इनकी सेवाएं बंद कर दी गई थीं, जिन्हें बाद में आंदोलन के बाद फिर से शुरू किया गया. ऐसे में अब इनकी संख्या घटकर करीब 2200 रह गई है.

बताते चलें कि साल 2020 में उन्हें नौकरी स्थायी होने का आश्वासन मिला था, जिसके बाद 2021 में लिखित आश्वासन दिया गया. फिर आता है साल 2024, जब अपना घर-बार छोड़कर ये सहायक पुलिसकर्मी एक बार फिर सड़क पर आने को मजबूर हुए. पिछले साल सहायक पुलिस ने सिर्फ सीएम आवास, राजभवन ही नहीं बल्कि विधानसभा तक को घेरने का काम किया था. आंदोलन इतना बढ़ गया था कि धरने के दौरान 'वर्दी की लड़ाई' भी देखने को मिली थी, जब ये लोग मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे थे. आंदोलन के दौरान वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठीचार्ज जैसी घटनाएं भी हुईं. अंततः झारखंड सरकार द्वारा सहायक पुलिसकर्मियों के वेतनमान में 2,000 रुपये की वृद्धि की गई.

अब एक बार फिर राज्य में सहायक पुलिसकर्मी अपने आंदोलन को तेज करते नजर आ रहे हैं. सचिव विवेकानन्द गुप्ता का कहना है इतने कम वेतन के साथ घर चलाना काफी मुश्किल है. ऐसे में अब यह बात आजीविका की है, और जितना काम सहायक पुलिसकर्मियों से लिया जाता है, उसके हिसाब से वेतनमान न होना बहुत ही निराशाजनक है. हालांकि, अब आने वाले समय में यह पता चलेगा कि आखिर सहायक पुलिसकर्मी अपने हक के लिए कौन-सा कदम उठाते हैं.

Published at:16 May 2025 08:15 AM (IST)
Tags:झारखंड सहायक पुलिसjharkhandhemantsorensahayakpoliceआंदोलनprotest
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.