टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम जो क्रिकेट जगत में उगते हुए सितारे की तरह हमेशा चमकेंगे. उनकी खेल औऱ अगुवाई की तारीफ हमेशा होते रहेगी. क्योंकि बाइस गज की पट्टी में अपने निशान ही, ऐसा छोड़ दिया है . रांची के राजकुमार कहे जाने वाले धोनी क्रिकेट के आकाश में हमेशा अपनी चमक बिखेरी. 14 सितंबर के दिन ही उनके करियर का सबसे बड़ा मुकाम आया. जब वो भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी. इसके बाद अपने नेतृत्व से टीम इंडिया को वो मुकाम पहुंचा दिया कि ऐसा करने वाले दुनिया के पहले कप्तान बन गये. यानि, भारतीय टीम को वो सफलता दिलायी, जिस पर किसी को भी रश्क हो जाएगा
14 सितंबर को बनें थे माही कप्तान
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान माही ने 14 सितंबर 2007 के दिन संभाली थी, आज उसके सोलह साल गुजर चुके हैं. यानि देढ़ दशक से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. उस दौरान टी-20 वर्ल्ड कप में धोनी ने बतौर कप्तान पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था. हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच ग्रुप स्टेज का यह मैच पहले टाई रहा. इस मैच में पाकिस्तान को जीत के लिए अंतिम दो गेंदों पर जीत के लिए एक रन की जरूरत थी. पाक टीम इसे बनाने में नाकाम रही औऱ मैच टाई हो गया. इसके बाद मुकाबले का नतीजा निकालने के लिए बॉल-आउट का सहारा लिया गया. स्टंप गिराने के लिए हर टीम ने अपने पांच गेंदबाज चुने. इसमें भारतीय खिलाड़ी धुआंधार अंदाज में गिल्लियां बिखेर देते हैं, जबकि बॉल आउट के जरिए पाकिस्तान स्टंप नहीं गिरा पाता है. इस तरह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने पाकिस्तान की टीम को करारी हार का स्वाद चखाया था. आज भी जब क्रिकेट प्रेमी उस लम्हें को याद करते हैं, तो उन्हें खुशी महसूस होती है.
भारत के कामयाब कप्तान हैं धोनी
भारतीय टीम ही नहीं दुनिया के सबसे सफल कप्तान धोनी को माना जाता है. अपनी कैप्टंसी में माही ने 2011 में भारतीय टीम को वर्ल्ड कप जीताया था. खिताबी मुकाबले में खुद धोनी ने छक्के मारकर जीत दिलायी थी. उनकी उस लाजवाब बैटिंग के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था. क्रिकेट वर्ल्ड कप के अलावा धोनी ने चैंपियंस ट्राफी , टी, ट्वेंटी वर्ल्ड कप, एशिया कप के साथ टेस्ट क्रिकेट में भी भारतीय टीम को नंबर वन बनाया था. इसके अलावा भारत में खेली जाने वाली इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई को अपनी अगुवाई में कई बार चैंपियन भी बनाया.