दुमका (DUMKA) : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बाबा बासुकीनाथ धाम श्रद्धालुओं से गुलजार रहा. बाबा के दर्शन के लिए मंदिर के बाहर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही. मंदिर परिसर में जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की भीड़ भड़ती गई, पूरा वातावरण महादेव के जयकारों से गूंज उठा. लोग ने कतार बद्ध तरीके से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक किया. वहीं श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन और जरमुंडी पुलिस प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए. मगर आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले चंद्र ग्रहण के कारण बासुकीनाथ मंदिर दोपहर के 2:30 से संध्या के 7:00 बजे तक बंद कर दिया जाएगा. इस अवधि तक किसी भी प्रकार की धार्मिक अनुष्ठान पूरी तरह वर्जित रहेगी.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
वहीं कार्तिक पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताते हुए पंडा मुन्ना गोस्वामी ने कहा कि वैसे तो हर माह एक पूर्णिमा तिथि पड़ती है. मगर कार्तिक पूर्णिमा का अपना ही एक विशेष महत्व है. कहा जाता है कि आज ही के दिन भगवान शिव ने एक अनोखे रथ पर सवार होकर अजेय असुर त्रिपुरासुर का वध किया था. इस असुर के मारे जाने से तीनों लोकों में धर्म को फिर से स्थापित किया जा सका. इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं और इस दिन देव दिवाली भी मनाई जाती है. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा-पाठ और व्रत का खास महत्व होता है. मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी या पवित्र नदी में स्नान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है.
रिपोर्ट: सुतिब्रो गोस्वामी, जरमुंडी/दुमका
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