दुमका(Dumka): दुमका में सरकार द्वारा जनकल्याण की कई योजनाएं चलाई जाती है. मकशद होता है कि लोगों को उसका लाभ मिले, लेकिन समय के साथ योजना कैसे बदहाल हो जाती है उसकी एक बानगी दुमका में देखने को मिला. जरूरतमंदों को 5 रुपए में पौष्टिक आहार मिले इसके लिए वर्षो पूर्व सरकार ने मुख्यमंत्री दाल भात योजना चालू की और जगह जगह मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र खोला गया. शुरुवाती समय मे लोगों को इसका काफी लाभ मिला लेकिन समय के साथ-साथ झारखंड की उपराजधानी दुमका में इसका हाल बदहाल हो गया है. इसका खुलासा प्रखंड विकास पदाधिकारी के जांच में सामने आया है.
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने किया निरीक्षण
डीसी के निर्देश पर सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा ने सोमवार को सदर प्रखण्ड अन्तर्गत संचालित मुख्यमंत्री दाल-भात केन्द्रों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पॉलिटेक्निक कॉलेज गेट के समीप ओम स्वंय सहायता समूह, कचहरी परिसर स्थित मनवा स्वंय सहायता समूह, एंजील स्वंय सहायता समूह दाल-भात केन्द्र और दिव्यशक्ति स्वंय सहायता समूह दाल-भात केन्द्र में योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों की सूची से संबंधित रजिस्टर नहीं पाया गया. केन्द्र की संचालिका के द्वारा बताया गया कि रजिस्टर घर में छूट गया है. मुफसिल थाना के बगल में संचालित दीप शिखा स्वंय सहायता समूह दाल-भात केन्द्र बंद पाया गया. मैक्सी स्टैंड में संचालित दिव्यशक्ति स्वंय सहायता समूह दाल-भात केन्द्र में निरीक्षण के दौरान योजना का लाभ ले रहे लाभुकों के द्वारा बताया गया कि केन्द्र की संचालिका द्वारा ₹10 प्रति प्लेट शुल्क लिया जा रहा है. स्टेट बैंक के सामने स्थित गंगा लक्ष्मी स्वंय सहायता समूह दाल-भात केन्द में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 197 लाभुकों द्वारा दोपहर के 2.30 बजे तक योजना का लाभ लिया गया है, परन्तु किसी भी लाभुक का हस्ताक्षर रजिस्टर में नहीं पाया गया.
संचालक को निलंबित करने की तैयारी
जांच के दौरान इतनी अनियमितता पाए जाने से स्पष्ट है कि विभाग के द्वारा निर्धारित मापदण्डों का अनुपालन दाल-भात केन्द्रों के संचालकों के द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसके लिए सभी को स्पष्टीकरण किया जा रहा है. संतोषजनक जबाव नहीं मिलने पर दाल-भात केन्द्र के संचालिका को निलंबित करने की अनुशंसा जिला आपूर्ति पदाधिकारी को किया जायेगा.
रिपोर्ट:पंचम झा