देवघर(DEOGHAR): श्रावण मास का पहला दिन आज है. आज सोमवार भी है. श्रावण की पहली सोमवारी और शिववास होने के कारण बाबानगरी देवघर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी है. रविवार रात से ही कतार में लगने वाले श्रद्धालुओं के लिए आज सुबह 4 बजकर 07 मिनट से मंदिर में जलापर्ण की व्यवस्था शुरू की गई. सुरक्षा के बीच कतारबद्ध तरीके से सुलभ जलापर्ण की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है. श्रद्धालु बाबा मंदिर के गर्भगृह द्वार पर लगे अरघा के माध्यम से बाबा का जलाभिषेक कर रहे है. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा बाहरी अरघा में भी जलापर्ण किया जा रहा है. अहले सुबह से ही जिला के उपायुक्त विशाल सागर द्वारा पूरा मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है.
आज डेढ़ से दो लाख तक श्रद्धालु कर सकते हैं जलार्पण
डीसी ने बताया की सुलभ और सुरक्षित जलापर्ण के लिए पूरे मेला क्षेत्र में 685 दंडाधिकारी और लगभग 11 हज़ार पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. भीड़ को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि आज डेढ़ से दो लाख तक श्रद्धालु द्वारा जलापर्ण किया जा सकता है.
मेला की हर गतिविधि की जानकारी के लिए डाउनलोड करें ये ऐप
देवघर के बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी है. पहली सोमवारी को पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करने देर रात से ही कांवरियों की भीड़ जुटने लगी खासकर महिलायें भी बड़ी संख्या में बाबा का जलाभिषेक करने पहुंची हैं. ऐसी मान्यता है कि श्रावण की सोमवारी को पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. देवघर आने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से हर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. मेला से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी लेने के लिए जिला प्रशासन ने एक ऐप बनाया है. इस एप्प के माध्यम श्रावणी मेला से संबंधित जानकारी, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की जानकारी, मेला से संबंधित हेल्पलाईन नंबर, आवासन, पर्यटन स्थल आदि इस एप्प के माध्यम से ले सकते है।इसके अलावा ऐप के माध्यम से कांवरियों की वास्तविक कतार की जानकारी भी मिलती रहती है. बस आप जिला प्रशासन द्वारा विकसित Baba Baidyanath App को गूगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड करें या फिर इस बारकोड से इसे प्राप्त किया जा सकता है.
श्रावण मास में ही हुआ था समुंद्र मंथन और पहली सोमवारी को इसकी हुई थी प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है. यही कारण है कि आज पहली सोमवारी को बाबा का जलाभिषेक करने बड़ी संख्या में शिव भक्त कांवरिया देवघर पहुंचे हैं. जानकारों के अनुसार श्रावन मास में ही समुद्र मंथन हुआ था और पहली सोमवारी को विश्वशर्वा घोड़े की इससे प्राप्ति हुयी थी जो गति और प्रगति का द्योतक माना जाता है. आज के दिन पवित्र शिवलिंग के जलाभिषेक से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा