धनबाद(DHANBAD): राजस्थान के कोचिंग फैक्ट्री कोटा में फिर एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली है. यह घटना सोमवार को हुई बताई गई है. छात्र उत्तर प्रदेश के मऊ की रहने वाली थी. छात्र की उम्र लगभग 17 साल एवं उसका नाम प्रियम सिंह बताया गया है. वहां के निजी अस्पताल में उसने दम तोडा. छात्रा पिछले डेढ़ साल से नीट की तैयारी कर रही थी. सोमवार की सुबह वह कोचिंग को गई थी और आरोप के अनुसार वहीं पर सल्फास खा लिया. कोचिंग से बाहर निकलते ही उसे उल्टी शुरू हुई. उसके बाद उसे निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. सूचना पर पुलिस भी पहुंची और लाश को अपने कब्जे में लेकर घर वालों को सूचना दी.
कोटा में आखिर हो क्या रहा है
लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कोटा में हो क्या रहा है. अगर 2023 की बात की जाए तो जनवरी से लेकर सितंबर महीने पर कम से कम दो दर्जन बच्चों ने आत्महत्या की है. पिछले महीने ही रांची की एक लड़की ने सुसाइड कर लिया था. बड़े-बड़े सपने लेकर कोचिंग के लिए जाने वाले बच्चों को आखिर हो क्या गया है कि प्रतिस्पर्धा में सफल नहीं होने के बाद हिम्मत हार जा रहे है. कोटा दशकों से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कोचिंग फैक्ट्री का सेंटर पॉइंट रहा है. कोटा ने देश को कई होनहार दिए हैं, वहीं दूसरी तस्वीर भी उभर कर सामने आ रही है. प्रतिस्पर्धा और उम्मीद की दौड़ में खुद को कमजोर पाने के बाद अपनी जान गंवा दे रहे है.
सवा दो लाख छात्र करते हैं तैयारी
आंकड़े के अनुसार सवा दो लाख छात्र नीट और इंजिनीय रिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है.आत्महत्या का यह एक ऐसा आंकड़ा है, जो किसी को भी चौंका सकता है. सबके मन में इच्छा होती है की अच्छी पढ़ाई करें, बेहतर नौकरी पाएं, अभिभावक भी बच्चों के इस इच्छा को पूरी करने के लिए हर कुछ दाव पर लगा देते है. गरीब घर के लड़के भी कोटा पहुंचने हैं, उन्हें घर की आर्थिक हालात की जानकारी होती है. जब वह समझने लगते हैं कि अब वह प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं होंगे, तो जीवन लीला ही समाप्त कर लेते है. यह अच्छी बात नहीं है. उन्हें समझना होगा कि जीवन अनमोल है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो