धनबाद(DHANBAD): धनबाद के लिए कोयला आने वाले दिनों में क्या अभिशाप बन जाएगा. यह सवाल अब धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है. धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव अभी भी जारी है. गैस रिसाव का आज आठवां दिन है. 3 दिसंबर से गैस रिसाव हो रहा है. गैस रिसाव की तपिश रांची से लेकर कोलकाता और कोलकाता से लेकर दिल्ली तक महसूस की जा रही है. स्थिति यह है कि कहीं -कहीं गैस की मात्रा 2000 पीपीएस तक पहुंच गई है. गैस रिसाव के आसपास की मिट्टी का तापमान 67 डिग्री तक दर्ज किया गया है. बीसीसीएल का कहना है कि अब तक के एक्सपर्ट अध्ययन में जो बातें सामने आई है, उसके अनुसार लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट हो जाना चाहिए. इस संबंध में हर संभव सहयोग किया जा रहा है.
बीसीसीएल का दावा : ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था खनन
बीसीसीएल का कहना है कि कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के पहले केंदुआडीह में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कोयला खनन का काम किया गया था. 1992 में भूमिगत आग सहित अन्य खतरे को देखते हुए माइनिंग बंद कर दी गई थी. इधर, बुधवार को कोल इंडिया के प्रभारी अध्यक्ष सनोज कुमार झा एवं कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक धनबाद पहुंचे. अधिकारी घटनास्थल पर भी गए. घटनास्थल का मुआयना किया. कोल इंडिया के प्रभारी अध्यक्ष का भी कहना है कि गैस की मात्रा बहुत अधिक है. तत्काल लोगों को सुरक्षित स्थान पर चला जाना चाहिए. इसके लिए बीसीसीएल की ओर से पूरी व्यवस्था की गई है.
प्रभावित लोगो की क्या डिमांड है ,वह किस मांग पर अड़े हुए है
हालांकि राजपूत बस्ती सहित अन्य इलाके के लोग विस्थापन का विरोध कर रहे है. वह गैस रिसाव बंद करने की मांग कर रहे है. उनका कहना है कि पहले गैस रिसाव को बंद किया जाए, उसके बाद कोई बातचीत हो. 1000 से अधिक की आबादी गैस प्रभावित है. केंदुआडीह में गैस रिसाव को लेकर कोल इंडिया से लेकर कोयला मंत्रालय तक हड़कंप है. लगातार अपडेट लिए जा रहे है. धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने मंगलवार को विधानसभा में इस सवाल को उठाते हुए अनुरोध किया कि विधानसभा की एक विशेष समिति को केंदुआडीह भेजा जाए, जो जांच -पड़ताल करें और विस्थापन के मुद्दे पर अपनी राय दे. उन्होंने यह भी कहा कि विस्थापन जितनी बड़ी समस्या नहीं है, उससे अधिक बड़ी समस्या विस्थापितों के रोजगार की है. इसके लिए कौन सा तरीका अख्तियार किया जाए, यह देखने वाली बात होगी. बता दें कि 50 पीपीएस की मात्रा सामान्य मानी जाती है. इससे अधिक मात्रा होने पर यह खतरनाक हो सकती है.
गैस की मात्रा कहीं -कहीं 2000 पी पीएस तक पहुंच गई है ,जानिए कितना है खतरा
लेकिन कई इलाकों में इसकी मात्रा 2000 पी पीएस तक पाई गई है, जो खतरनाक है. गैस रिसाव से अब तक दो महिलाओं की मौत हो गई है और कई दर्जन लोग बीमार है. एक सप्ताह हो गया है लेकिन इसका कोई समाधान निकला नहीं है. आज पहुंचे कोल इंडिया के प्रभारी अध्यक्ष ने भी यह स्पष्ट नहीं कहा कि गैस रिसाव बंद होगा अथवा नहीं. उन्होंने यह जरूर कहा कि विशेषज्ञ ही इस पर कुछ कह सकते है. फिलहाल लोगों की जान महत्वपूर्ण है और उन्हें इलाका छोड़ देना चाहिए. फिलहाल कोयलांचल में भू धंसान की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. जगह-जगह गैस रिसाव हो रहे है. सड़क से लेकर रेल लाइन तक को खतरा बताया जाता है. आपको तो याद ही होगा कि कतरास रेल लाइन पर कुछ साल पहले कई जोड़ी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था. लेकिन भारी दबाव और आंदोलन की वजह से ट्रेनों को फिर से चालू किया गया था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
