रांची(RANCHI):एनटीपीसी कोयला उत्पादन के क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना वृद्धि दर्ज किया है. वहीं इस वर्ष भारत सरकार की ओर से 34 MT खनन का लक्ष्य दिया गया है.जिसे सत प्रतिशत पूरा करने को लेकर NTPC ने कमर कस लिया है.NTPC ने अपने CSR(corporate social responsibility) के तहत 80 युवाओं को ट्रेनिंग करा कर उन्हे रोजगार से जोड़ने का काम किया है.
एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक पार्थ मजूमदार ने बताया कि एनटीपीसी झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में स्थित इसकी चार परिचालन कोयला खदानों से उत्पादन संचालित है. अप्रैल 2023 में 2.95 एमटी के साथ मासिक कोयला प्रेषण में अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया. जो पिछले वर्ष की तुलना में 140% की वृद्धि दर्शाता है. FY23 के लिए कंपनी का कोयला उत्पादन कुल 23.2 मिलियन टन था, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 65% की वृद्धि थी .
उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में, चट्टी बरियातू खदान, साउथ पिट (विस्तार) और तलाईपल्ली कोयला खदान के वेस्ट पिट से कोयले का उत्पादन शुरू किया गया. जिससे एनटीपीसी कोयला खदान से कोयले की अच्छी गुणवत्ता वाले एनटीपीसी बिजली स्टेशनों को अधिक कोयला उत्पादन और आपूर्ति होगी. इस वर्ष भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने एनटीपीसी को 34 एमटी का लक्ष्य दिया है.मजूमदार ने कहा कि, एनटीपीसी के सहयोगियों प्रयासों से लक्ष्य को हासिल किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि सीएसआर के तहत एनटीपीसी की कोयला खनन परियोजनाओं द्वारा की जा रही सामुदायिक विकास गतिविधियों के अलावा, कोयला खनन मुख्यालय ने झारखंड राज्यों के सभी कोयला खनन परियोजना क्षेत्रों और इसके आसपास के क्षेत्रों से 4 लड़कियों सहित 80 युवाओं को प्रायोजित करने की पहल की. मशीन ऑपरेटर इंजेक्शन मोल्डिंग और मशीन ऑपरेटर प्लास्टिक प्रोसेसिंग के दो पाठ्यक्रमों में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए ओडिशा और छत्तीसगढ़. लगभग 100% जॉब प्लेसमेंट के साथ 6 महीने की अवधि के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी (CIPET), रांची के सहयोग से पाठ्यक्रम चलाए गए.