धनबाद(DHANBAD): धनबाद भाजपा की दिशा या दशा बदलेगी ?नव निर्वाचित सांसद का हस्तक्षेप जिला समितियों पर बढ़ेगा?क्या पुराने बाहर जाएंगे और नए लोगो का प्रभुत्व बढ़ेगा ? यह सब ऐसे सवाल है ,जो धनबाद के सियासी हलकों में उमड़ -घुमड़ रहे है. यह तो अब बिल्कुल तय हो गया है कि धनबाद में भाजपा में परिवर्तन होगा? अब तक पशुपतिनाथ सिंह के अनुसार जिला कमेटी काम करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जिला कमेटी पर नवनिर्वाचित सांसद ढुल्लू महतो की पकड़ मजबूत होगी. ऐसे में कुछ लोग बाहर जाएंगे तो कई लोग अंदर आएंगे. वैसे भी जिला कमेटी में सिर्फ महानगर और ग्रामीण अध्यक्ष का ही चयन हुआ था. लोकसभा चुनाव को लेकर समिति का गठन रोक दिया गया था. अब समिति का गठन होगा. 4 महीने पहले महानगर का दायित्व श्रवण राय और ग्रामीण का जिम्मा घनश्याम ग्रोवर को मिला था.
अब शुरू हो सकती है कमेटी गठन की प्रक्रिया
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरू होगी. अब तक जो समितियां बनती रही है, उनमें पशुपति बाबू और विधायक राज सिन्हा के लोगों को हिस्सेदारी मिलती रहती थी. लेकिन अब तो पशुपतिनाथ सिंह धीरे-धीरे भाजपा की राजनीति में हाशिये पर चले जाऐंगे. नवनिर्वाचित सांसद ढुल्लू महतो और विधायक राज सिन्हा के संबंध में खटास आ गया है. यह खटास कम से कम नेताओं के बयान में अप्रत्यक्ष रूप से परिलक्षित भी हुई. जो भी हो लेकिन धनबाद जिला भाजपा महानगर और ग्रामीण जिला कमेटी का गठन बहुत आसान नहीं होगा. खींचतान हो सकता है. ढुल्लू महतो निश्चित रूप से चाहेंगे कि उनके लोगों या समर्थकों की भागीदारी बढ़े ,अन्य विधायक भी कुछ ऐसी तरह के प्रयास कर सकते है. यह अलग बात है कि पशुपतिनाथ सिंह के साथ साये की तरह रहने वाले कई लोग अब ढुल्लू महतो की ओर हो गए है. हो सकता है कि उन्हें भी कुछ भागीदारी मिले. लेकिन महानगर और ग्रामीण समिति का गठन धनबाद के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाएगा कि धनबाद लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्र में से पांच पर भाजपा का कब्जा है, तो सिर्फ झरिया सीट पर कांग्रेस की जीत हुई है.
सांसद ढुल्लू महतो और विधायक राज सिन्हा में खटास
निरसा से अपर्णा सेनगुप्ता विधायक हैं तो सिंदरी से इंद्रजीत महतो विधायक है. धनबाद से राज सिन्हा विधायक हैं, चंदनक्यारी से अमर बाउरी विधायक हैं तो बोकारो से वि रंची नारायण विधायक है. सिर्फ झरिया सीट कांग्रेस की झोली में गई है और वहां से पूर्णिमा नीरज सिंह विधायक है. ऐसे में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने है. लोकसभा चुनाव अब खत्म हो गया है. अब विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू होगी. यह बात भी सच है कि विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में भी अब नए सांसद की बात का महत्व हो जाएगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के जो सिटिंग एमएलए हैं, उन्हें टिकट मिलेगा अथवा उनमें कुछ बदलाव किया जाएगा. कुल मिला जुला कर कहा जा सकता है कि धनबाद भाजपा अब नए ढंग से चलेगी, नए लोगों पर भरोसा भी कर सकती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो