चतरा(CHATRA):हमारे देश में यदि किसी के चाचा या दादा मुखिया या विधायक भी होते है, तो उनके घर के सभी लोग पूरे गांव में रौब झाड़ते फिरते है, और अपने को भी पावर में समझते है. यहां नेता का बेटा नेता ही बनता है. लेकिन झारखंड के चतरा जिले से आई एक खबर ने इस बात को झूठा साबित कर दिया है कि नेता का बेटा नेता नहीं चपरासी भी बन सकता है.
मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता का चपरासी के पद पर चयन हुआ है
चतरा राज्य के श्रम नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता का चपरासी के पद पर चयन हुआ है. यह चयन चतरा व्यवहार न्यायालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर हुआ है. वहीं मंत्री के भतीजे रामदेव कुमार भोक्ता का नाम प्रतीक्षा सूची में रखा गया है. मंत्री के बेटे की चतुर्थ वर्गीय चपरासी के पद पर चयन होने की खबर से पूरे जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है.दरअसल चतरा व्यवहार न्यायालय की ओर से शुक्रवार को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का रिजल्ट जारी किया गया है, जिसमें कोर्ट में प्यून,ट्रेजरी मैसेंजर,नाईट गार्ड और ड्राईवर के पद पर कुल 19 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. जिसमे मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता का भी नाम शामिल है.
चपरासी के पद पर चयन होने से पूरे जिले में चर्चाएं तेज है
Mukesh Kumar Bhokta
मंत्री के पुत्र के चतुर्थ वर्गीय चपरासी के पद पर चयन होने से पूरे जिले में चर्चाएं तेज है.इसको लेकर लोग यह कह रहे हैं कि जो पिता राज्य सरकार में मंत्री होते हुए राज्य के युवाओं को नौकरी देने की बात करते हैं, उन्हीं का बेटा अब चतरा व्यवहार न्यायालय में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में कार्य करेगा. आपको बताये कि मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से राजद कोटे से विधायक हैं.