धनबाद(DHANBAD): आने वाली है दीपावली. आप देश के दूसरे सबसे बड़े अपमिश्रित सामान बेचने वाले प्रदेश में रहते हैं . इसलिए अभी से ही रहिये सावधान. नहीं तो कभी भी बिगड़ सकती है आपकी सेहत. मिर्च पाउडर में लाल रंग का डस्ट , आटा में मिलता -जुलता मिश्रण , चना और अरहर की दाल में खेसारी दाल की मिलावट की जाती है. मसाले में कंकड़ ,पत्थर, रेत, मिट्टी ,लकड़ी का बुरादा आदि मिलाकर बेचा जाता है. चाय पत्ती में कृत्रिम रंग ,प्रयोग में लाई गई पत्ती की मिलावट की जाती है. काली मिर्च में पपीते के बीजों का मिश्रण किया जाता है. दूध में सफेद रंग, वाशिंग पाउडर आदि मिलाकर बेचा जाता है. शहद में गुड अथवा चासनी तथा शक्कर की मिलावट की जाती है.
दीपावली में खूब होगी मिठाई की बिक्री
धनबाद में भी यह होता है और खूब होता है. दुर्गा पूजा तो बीत गया, अब दिवाली आने वाली है. दिवाली की तैयारी शुरू हो गई है. बजट बनने शुरू हो गए है. परिचित, शुभचिंतकों को मिठाइयों के पैकेट बांटने हैं अथवा नहीं ,इसके भी निर्णय लिए जाने लगे है. लेकिन धनबाद के बाजार में मिलावटी समान बिक्री को रोकने की दिशा में अभी प्रशासनिक पहल शुरू नहीं हुई है. फरवरी' 23 में धनबाद के खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी के पद पर तैनात अभिषेक आनंद रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी के हाथों पकड़े गए थे. उन्हें जेल भेज दिया गया था. उसके बाद से जांच की कार्रवाई बंद है, वह एक नमकीन कारोबारी से रिश्वत ले रहे थे. उसके बाद से जांच बिल्कुल बंद है.
दुर्गा पूजा में लिए गए सैंपल की नहीं आई रिपोर्ट
दुर्गा पूजा में एक - आध जगह से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए. लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है. ऐसे भी त्योहार के सीजन में सामान्य दिनों से अधिक खपत होती है. बाजारों में भीड़भाड़ भी होती है. दिवाली में तो मिठाइयों की खूब बिक्री होती है. यह मिठाइयां शुद्ध खोवा, छेना या घी में बनी होगी या मिलावटी पदार्थ में, इसकी जांच अगर नहीं हुई तो 29 लाख से अधिक की आबादी वाले इस जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. वैसे आंकड़े बताते हैं कि मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने में झारखंड देश के दूसरे नंबर पर है. मतलब पूरे झारखंड में खाद्य अपमिश्रण की जाँच की व्यवस्था लचर है. पर्याप्त मात्रा में जांच नहीं होती, नतीजा है कि लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ खाकर असाध्य रोगों से पीड़ित होते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो