टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-एल्युमीनियम के बर्तन में खाना खाना अपने स्वास्थय के साथ खिलवाड़ा करना माना जाता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को अलर्ट करवाया था. लिहाजा, इसे देखते हुए विभाग ने पीएम पोषण मिड डे मिल में एल्युमीनियम के बर्तन में खाना बनाने औऱ परोसने के लिए वर्जित कर दिया है. एक अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से पत्र जारी किया गया और कहा गया कि एल्युमीनियम के बर्तन में खाना बनाने तथा गर्म खाना रखने से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. लिहाजा, एल्युमीनियर के बर्तन की जगह स्टील के बर्तनों के उपयोग करने की हिदायत दी गई . हालांकि, इस निर्देश पर विचार किया जा रहा है.
झारखंड में भी होगा लागू
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की और से राज्य सरकार को इस बाबत पत्र भेजे जाने के बाद झारखंड का शिक्षा मंत्रालय इस पर विचार औऱ मंथन कर रहा है. हालांकि, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद विभाग के अधिकतर पदाधिकारी इसे नए सत्र से लागू करने के पक्ष में दिखाई पड़ रहे हैं. अब सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को स्टील के बर्तन में खाना मिलेगा. ज्यादातर जगहों पर एल्युमीनियम के बर्तन का इस्तेमाल हो रहा है. झारखंड के सभी स्कूलों मीड डे मिल के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन बनाने में फंड की जरुरत होगी. विडबंना ये है कि इस बार के बजटीय आवंटन में इसके लिए अलग से कोई फंड भी नहीं है. लिहाजा, ऐसे में विभाग नए सत्र से इसे लागू कर सकता है.
एल्युमीनियम जहरीला धातु
मिड मिल ज्यादातर स्कूलों में एल्युमीनियम के बर्तन में ही बनाया जा रहा है.ये पहले से ही सभी को मालूम है कि एल्युमीनियम एक जहरीली धातु है . लंबे वक्त तक इससे संपर्क में रहने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.जिससे एनीमिया, मानसिक कमजोरी और अन्य गंभीर बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं. इसके साथ ही बिना कोट किए एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने से धातु भोजन में मिल सकता है. इसमे लगातार खाना बनाने से और खाने से स्कूली बच्चों को काफी असर उनके स्वास्थ्य पर होगा.