धनबाद (DHANBAD) : कोयलांचल में दुर्गा पूजा का उत्साह चरम पर है. शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जो उत्साह में नहीं दिख रहा है. हर सड़क पूजा पंडाल की ओर जा रही है. रंग-बिरंगे परिधानों से सुसज्जित क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या महिलाएं सभी दुर्गा माता से आशीष की अभिलाषा लिए पंडाल तक पहुंच रहे है. माता के जागरण का भी आयोजन किया जा रहा है. आगे भी कई पंडालों में जागरण का आयोजन होगा. हर वर्ष की तरह इस साल भी बरवाअड्डा में रहने वाले कांग्रेस के वरीय नेता अशोक कुमार सिंह ने बड़ा जमुआ पूजा पंडाल में जागरण का आयोजन किया. यह परिपाटी लंबे समय से अशोक सिंह निर्वहन करते आ रहे है. माता की जोत लेकर जागरण स्थल पर उनके परिवार के लोग पहुंचते है. फिर रात भर माता का जागरण होता है. इस जागरण में भारी भीड़ जुटती है. भीड़ जुटी थी. माता का आशीर्वाद लेना सब कोई चाह रहा था. बड़ा जमुना में गुरुवार की रात हुए जागरण कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग शामिल हुए. झांकियां भी निकाली गई.
जमशेदपुर के कलाकारों ने रात भर भक्ति गीतों से लोगों को झुमाते रहे. कार्यक्रम शुरू हुआ, उसके बाद धीरे-धीरे उत्साह बढ़ता गया और यह उत्साह सुबह तक बना रहा. वैसे भी कोयलांचल में शारदीय नवरात्र का उत्साह चरम पर है. माता की आराधना को लेकर लोगों में उल्लास देखते ही बन रहा है. जहां सुबह से लेकर दोपहर तक लोग पूजन में लगे रहते हैं, वहीं शाम होते ही पंडाल और प्रतिमा दर्शन के लिए सड़कों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. इस बार धनबाद में कई जगहों पर आकर्षक पंडाल बनाया गया है. धनबाद के लोगों ने दिल खोलकर इस साल खर्च किया है. कई जगहों पर तो विद्युत सज्जा लाजवाब की गई है. प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर चौकस है. डीसी और एस एसपी खुद पंडालो का निरीक्षण कर रहे है. जहां सुरक्षा की कमी दिख रही है, वहां सुझाव दे रहे है. जगह-जगह ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बैरिकेडिंग की गई है. पार्किंग के लिए पंडालो से अलग व्यवस्था की गई है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस साल का पूजा धनबाद के लोग अगले कुछ सालों तक याद रखेंगे.
धनबाद के कई पूजा पंडाल हैं, जो इस साल विशेष आयोजन कर रहे है. वैसे तो हर साल धनबाद के पूजा पंडाल समाज को कोई ना कोई संदेश देने का प्रयास करते है. इस बार भी ऐसा ही प्रयास किया गया है. मां की प्रतिमा और पूजा पंडालो के दर्शन के साथ ही मेला का भी क्रेज खूब दिख रहा है. सड़क के दोनों किनारो पर बची जगहों पर दुकानें सजी हुई है. बंगाल से पहुंचे ढ़ा किये जब अपनी कलाकारी दिखानी शुरू करते हैं, तो अनायास लोगों का ध्यान उनकी ओर चला जाता है. बंगाल से नजदीक होने के कारण पंडाल के कारीगर से लेकर ढ़ा किये भी बंगाल से मंगाए जाते है. यह विशेष प्रशिक्षित होते हैं और जब ध्वनि निकलती हैं तो लोगों के पैर थिरकने शुरू हो जाते है. दशहरा तक कोयलांचल का यही दृश्य बना रहेगा. लोग कह रहे हैं कि कोयलांचल में इस साल सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो