देवघर(DEOGHAR):झारखंड का एक मात्र एम्स देवघर के देवीपुर में स्थित है. एम्स परिसर में कई भवन अभी भी निर्माणाधीन है. इसी में से एक बॉयज होस्टल दो का भवन निर्माण का कार्य जोरो पर चल रहा है. कल यानी मंगलवार को इसी भवन में प्लास्टर का काम कर रहे राजमिस्त्री और मजदूर की ट्रॉली नौंवी मंजिल से टूटकर नीचे गिर गई थी. इस घटना में 1 राजमिस्त्री की मौत हो गई है. और 1 मजदूर को गंभीर हालत में रांची रेफर किया गया है. आपको बताये कि मृतक राजमिस्त्री महेंद्र सिंह भागलपुर के जगदीशपुर थाना के अंगारी गांव के रहने वाले थे. आज बुधवार 14 जून को मृतक को उचित मुआवजा दिलाने के लिए सभी मजदूरों ने काम बंद कर कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्यालय का घेराव किया है.
कंपनी पर लग रहे है कई आरोप
एम्स परिसर के विभिन्न भवनों का निर्माण कर रही एनकेजी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मजदूरों ने लापरवाही बरतने और मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है. ताज़्जुब की बात है कि इस हादसे में मानवता दिखाने की जगह सभी कंपनी के कर्मी फरार हो गए है. आक्रोशित मजदूरों का कहना है कि कंपनी की ओर से मजदूरों को काम करने के दौरान कोई भी सुरक्षा कवच की व्यवस्था नही दी जाती है. मांगने पर काम से हटाने की धमकी दी जाती है. कई महीनों से उनकी मजदूरी भी नही दी गई है. अब मजदूरों की मजबूरी है की अपनी मेहनताना के पाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं.
इससे पहले भी इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही आई है सामने
इससे पहले भी इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही सामने आ चुकी है. मजदूर की मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले उजागर हुए है. कुछ दिन पहले इसी तरह के एक भवन में काम करते हुए दो मजदूर घायल हो गए थे. जिनकी सुध कंपनी ने नहीं ली थी. घायल मजदूर अपने जाकर बाहर से इलाज करवाते थे. कुछ ही दिन पहले इसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के एक भवन वेल्डिंग का काम करते समय अचानक आग लग गयी थी. उस समय भी आग पर काबू पाने का कोई साधन मौजूद नहीं था. किसी तरह आग पर काबू पाया गया था. अब राजमिस्त्री की मौत की घटना से साफ जाहिर है कि कंपनी की मंशा मजदूरों के प्रति कैसी है.
एम्स में क्यों नही हुआ इलाज, उठ रहे सवाल
एम्स परिसर में ओपीडी के अलावा कई चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध है. यहां दूर दराज से आये मरीजों का उचित और बेहतर इलाज होता है. लेकिन एम्स परिसर में विभिन्न बिल्डिंग के निर्माण में कार्यरत मजदूरों का इलाज क्यों नहीं किया जाता है. ये सवाल मजदूर उठा रहे है. मजदूरों ने आरोप लगाया है कि बहला फुसलाकर कर हमसे काम तो लिया जा रहा है. लेकिन सुरक्षा की मानकों और बीमारी का इलाज नहीं किया जा रहा है. एम्स में कार्यरत कंस्ट्रक्शन कंपनी पर क्या श्रम विभाग की नजर नहीं है, या फिर जिला प्रशासन और एम्स प्रबंधन मजदूरों की हितैषी नहीं है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा