Patna- बिहार एटीएस और एनआईए की टीम ने एक साथ राजधानी पटना और दरभंगा में छापेमारी की है. दरभंगा के बहेरा थाना क्षेत्र के गाजियाना गांव और छोटकी बाजार में की गयी छापेमारी में एनआईए ने एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया है. संदिग्ध युवक पटना के एक मदरसे में पढ़ाई करता था, दावा किया जा रहा है कि आरोपी अरबी भाषा को ट्रांसलेट करने करने का काम किया करता है. उसके बारे में एनआईए को आईएसआई से सम्पर्क का इनपुट मिला था, इसी इनपुट पर कार्रवाई की गयी.
इधर पर पटना में टीम ने फुलवारी शरीफ की इमारत- ए- शरिया के पास स्थित मोहम्मद रियाजुद्दीन कासमी की किताब दुकान पर छापेमारी की है. हालांकि दावा किया जा रहा है कि इस किताब दुकान से टीम को कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली है. स्थानीय लोगों का दावा है कि किसी ने किताब मालिक हासमी के बारे में भ्रामक सूचना दी है, उनका अतित काफी साफ सुधरा है. किसी भी असामाजिक गतिविधि में उनका कभी हाथ नहीं रहा है, वह एक किताब की दुकान चलाने वाले बहुत भले इंसान है.
फुलवारी शरीफ में पीएफआई की संचालित होने की खबर आते रही है
ध्यान रहे कि फुलवारी शरीफ इलाके में पीएफआई की गतिविधियां संचालित होने की खबर पहले भी आती रही है, कई बार पहले भी एनआईए की ओर से इस इलाके में छापेमारी की गई है, और कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है.
यहां बता दें कि यह पूरी छापेमारी तिरुवल्लूर से मुमताज अंसारी की गिरफ्तारी के बाद मिली इनपुट के आधार पर की गयी है. मुमताज अंसारी की खोज पुलिस को लम्बे अर्से से थी, फुलवारी थाना कांड संख्या-827/22 में वह वांटेड है. बिहार पुलिस से इस केस को एआईए ने टेकओवर कर लिया था. जिसके बाद से ही मुमताज की खोज हो रही थी.
मुमताज की तमिलनाडु से गिरफ्तारी के बाद तेज हुई छापेमारी
बिहार एटीएस को इस बात की सूचना प्राप्त हुई थी कि मुमताज तमिलनाडु के बरियपल्लम जिले में कही रह रहा है, जिसके बाद एटीएस की टीम तमिलनाडु पहुंच गयी, 10 दिनों की मेहनत के बाद टीम ने उसे 19 जून की सुबह उसे एक कारखाने से गिरफ्तार कर लिया, वहां वह एक मजदूर के रुप में पहचान बदल कर काम कर रहा था. अब उसकी निशानदेही पर बिहार एटीएस और एनआईए की टीम छापेमारी अभियान चला रही है.