रांची(RANCHI): झारखंड समेत पूरे देश में पैक्स यानी प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी का विस्तार होगा. 2025 तक सभी पंचायतों में इसके गठन का प्रस्ताव है. भारत सरकार ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. देश में ढाई लाख से अधिक पंचायतें हैं. केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार फिलहाल देश में 3 लाख पैक्स हैं.
मंत्रालय के अनुसार झारखंड समेत पूरे देश में 2 लाख से अधिक पैक्स का गठन अगले 2 वर्षों में किया जाएगा. उद्देश्य है कि पंचायत या ग्रामीण स्तर पर लोगों को पैक्स के माध्यम से कृषि से जुड़ी अधिकांश योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना. इस दिशा में भारत सरकार तेजी से काम कर रही है.
झारखंड में पैक्स की संख्या काफी कम
झारखंड में पैक्स की संख्या काफी कम है. इन्हें बढ़ाने की जरूरत है. झारखंड में 4400 से अधिक पंचायतें हैं. तुलनात्मक रूप से देखें तो झारखंड में 573 पैक्स ही हैं. इन्हें बढ़ाने की जरूरत है. यह आकलन किया जा रहा है कि झारखंड में भी कम से कम 2000 और पैक्स का गठन होगा. पैक्स के माध्यम से धान की खरीदारी कृषि ऋण का वितरण, खाद और बीज की बिक्री जैसी अनेक सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. इस संबंध में झारखंड सरकार के द्वारा जल्द ही केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय को प्रस्ताव भेजे जाएंगे.