चाईबासा(CHAIBASA): पश्चिमी सिंहभूम जिले में ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल से चल रहे करोड़ो की योजना में गड़बड़झाला चल रहा है. लेकिन, विभाग के ना कार्यपालक अभियंता और ना ही कनिय अभियंता और ना सहायक अभियंता आते कार्य स्थल पर योजनाओं की जांच के लिए आते हैं. सवंदेक पर मेहरबान इस कदर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के अभियंता भवन निर्माण में लगाये जा रहे समाग्रियों का जायजा लेना भी मुनासिफ नहीं समझते. बस सवंदेक के मुंशी ने जो कह दिया वही सही मान लिया. जबकी योजना का शिलान्यास के पहले सांसद और विधायक द्वारा सवंदेकों को साफ तौर पर कहा जाता है कि गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं होगा.
प्रखंड कार्यालय और अंचल कार्यालय में बन रहे आवासों में बरती जा रही अनियमितता
लेकिन योजना का शिलान्यास होते ही कार्य में लगाए जाने वाले सभी सामग्री अपने मन के मुताबिक लगाया जाता है और ना ही विभाग के द्वारा दिया गया मानक को पुरी की जाती है, जिसका नतीजा होता है कि भवन का निर्माण होने के बाद ही दरारें आने लगती है. ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमण्डल के द्वारा करीब पांच करोड़ 80 लाख कि लागत से बन रही जगन्नाथपुर अनुमंडल मुख्यालय में प्रखंड कार्यालय और अंचल कार्यालय में कार्यरत्त कर्मचारियों और बाबूओं के लिए बन रहे आवास में किस तरह व्यापक अनियमित्ता बरती जा रही है देखना हो तो आकर देखें. ज्ञात हो कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमण्डल से बन रहे जगन्नाथपुर प्रखंड कर्मचारी आवास, बीडीओ, अंचल अधिकारी आवास का निर्माण कार्य में लगाए जा रहे ईंट की गुणवत्ता शून्य है. रामगढ़ से बंगला भट्टा से घटिया ईंट की आपूर्ति हो रही है. साथ ही उक्त ईंट भवन निर्माण के पहले नींव खुदाई में बिछाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है.
लातेहार के ठेकेदार सत्यम कंस्ट्रक्शन के द्वारा उक्त घटिया कार्य कराया जा रहा है. फाउंडेशन की खुदाई प्राक्कलन के अनुरूप नहीं की गई है. फाउंडेशन ही जब गुणवत्तापूर्ण नही रहेगा तो उपर की इमारत का क्या होगा, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रखंड और अंचल के कर्मचारी अपने रहने वाले आवास निर्माण कार्य से काफी चिंतित हैं. ठेकेदार के इस तरह के कार्य कराने से सांसद विधायक की भी बदनामी हो रही है, क्योंकि उनके द्वारा ही योजना की स्वीकृति कराया गयी है.
ईंट जुड़ाई का कार्य भी निम्न स्तर का हो रहा
सीमेंट और बालू का मिश्रण का अनुपात प्राक्कलन के विपरित है. ईंट जुड़ाई का कार्य काफी निम्न स्तर का हो रहा है, जबकी किसी भी भवन की मजबुती ही उसकी नींव होती है और जब नींव ही कमजोर होगी तो भवन की मजबूती क्या होगी, इसका अंदाजा स्वंय लगा सकते है. जबकि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से सरकार द्वारा कार्य योजना के लिए निकाली गई निविदा हो या फिर डीएमएफटी के फण्ड से चल रही करोड़ो की योजना अब संवेदकों के अनुसार पुरी होती है. बता दें कि जिले में पहले झालको के द्वारा करोड़ो रूपये की योजना में इस कदर लूट मचाया गया कि आज वह एजेंसी को काम ही नहीं दी जा रही है और उन सभी योजनाओं की जांच अभी जिला प्रशासन कर ही रही है. कहीं ऐसा ना हो कि झालको की तरह ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल लूट की छूट भेंट चढ़ जाए. इधर, इस मामले को लेकर दुरभाष पर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता शुनिल नाथ से संपर्क साध कर मंत्वय लेने का प्रयास किया गया, लेकिन साहब की घंटी बजती रही, मगर फोन का जवाब नहीं मिला.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा