टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-नक्सलियो का किला तो अब धीरे-धीरे झारखंड में दरकता जा रहा है. हालांकि, अभी इनका पतन पूरी तरह से नहीं हुआ. लेकिन, वक्त के साथ-साथ नक्सली भी अब समझने लगे है कि बंदूक छोड़कर और जंगलों-बिहड़ों की जिंदगी जीने से बेहतर समाज की मुख्यधारा ही है. सरकार भी इसे लेकर जोरदार पहल कर रही है और उनकी जिदगी संवारने लिए हर मुमकीन कोशिश में भी लगी है.
छह नक्सलियों को मिलेगा एक-एक लाख
झारखंड सरकार की तरफ से आत्मसमर्पण करने वाले छह नक्सलियों को अनुदान राशि की पहली किस्त मिलेगी, ये सभी लातेहार के रहने वाले हैं. इसको लेकर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने आदेश जारी किया है. जिनको राशि मिलेगी, उनके नाम रघुनाथ सिंह, दशरथ उरांव, सत्येंद्र उरांव, संजय प्रजापति, अनिल उरांव, मोहन परहिया है.
झारखंड सरकार की पहल
झारखंड सरकार ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास के लिए कई तरह की नीति बनायी है. जिसके जरिए नक्सलियों की जिंदगी संवार जा सके और वे भी समाज के अन्य लोगों के साथ रहकर जिंदगी अपने परिवार के साथ बसर कर सके. सरकार की नयी नीति और योजना के तहत नक्सलियों को श्रेणी ”ए” औऱ श्रेणी ”बी” में बांटा गया है .
केटेगरी ”ए” में जोनल कमांडर और उसके ऊपर के नक्सलियों को रखा गया है, जिन्हें पुनर्वास अनुदान के रूप में छह लाख रुपये देने की नीति बनी है. जिसमें से दो लाख रुपये का भुगतान आत्मसमर्पण के तुरंत बाद किया जायेगा. वहीं बाकि बचे चार लाख की राशि दो किस्त में दी जायेगी. एक वर्ष बाद एक किस्त में दो लाख और दूसरी किस्त दो वर्ष बाद सरेंडर करने वाले नक्सली की गतिविधियों की छानबीन के बाद दी जायेगी.
श्रेणी ”बी” में जोनल कमांडर से नीचे स्तर के नक्सलियों को रखा गया है, जिन्हें पुनर्वास अनुदान तीन लाख रखा गया है. इसमें से एक लाख रुपये का भुगतान तत्काल सरेंडर के बाद किया जायेगा. बाकि दो लाख रुपये दो बराबर किस्तों में दिये जाएंगे. एक किस्त के एक लाख रुपये एक साल बाद और दूसरी किस्त दो साल बाद सरेंडर नक्सली के गतिविधियों की छानबीन के बाद दी जायेगी.