चाईबासा (CHAIBASA) : पश्चिम सिंहभूम का कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के जंगलों से भागकर भाकपा माओवादी का एक बड़ा हथियारबंद दस्ता सारंडा जंगल में पिछले एक सप्ताह से डेरा डाले हुए है. जानकारी के अनुसार नक्सली सारंडा के जंगल में अपने संगठन का विस्तार करने में लगे हुए हैं. यह दस्ता सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना क्षेत्र अन्तर्गत दीघा पंचायत के जंगलों में स्थान बदल-बदल कर रह रहा है. हालांकि सुरक्षाबल के जवान लगातार उन पर नजर बनाए हुए हैं.
घने जंगलों व पहाड़ों में स्थान बदल कर रह रहे नक्सली
जानकारी के अनुसार पुलिस व सीआरपीएफ के जवान विशेष तौर पर ग्रामीणों पर नजर रखे हुए है, जो गुप्त रूप से नक्सलियों को उनकी जानकारी दे रहा है. इसके साथ ही सारंडा से नक्सलियों को भगाने हेतु पुलिस व सीआरपीएफ भी फिलहाल छोटे स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर चुकी है. सूत्रों की माने तो नक्सलियों का यह दस्ता कुमडीह क्षेत्र के साउबेड़ा, नुईयागड़ा, हतनाबुरु, उसरुईया, मारंगपोंगा, होलोंगउली, कोलायबुरु, बहदा आदि क्षेत्र के घने जंगलों व पहाड़ों पर स्थान बदल-बदल कर रह रहा है.
ग्रामीणों में भय का माहौल
वहीं नक्सलियों की होने की सूचना पर सारंडा के ग्रामीणों का कहना है कि अगर इन नक्सलियों को इस इलाके से नहीं भगाया गया तो वापस से उनका गांव, ग्रामीण व सारंडा अशांत होगा. इससे लोगों की सुख-शान्ति व चैन खत्म होने लगेगी. वहीं पुलिस भी नक्सलियों का सटीक लोकेशन मिलने का इंतजार कर रही है, ताकि बड़ा ऑपरेशन चलाकर इन पर बड़ा प्रहार किया जा सके. हालांकि ये नक्सली सारंडा के जंगलों में किसी भी प्रकार की गतिविधी नहीं कर रहे है. नक्सलियों द्वारा अपने समर्थकों का सहारा लिया जा रहा है. जिस वजह से सुरक्षबल के जवानों की नक्सलियों की संख्या का पता नहीं चल पा रहा है.
हेलीकॉप्टर से सारंडा जंगल का लगाया गया चक्कर
इसी के तहत आज गुरूवार को भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर सारंडा जंगल में दर्जनों चक्कर लगाकर मेघाहातुबुरु स्थित खेल मैदान में दोपहर लगभग 2 बजे लैंड किया. हेलीकॉप्टर में कई सीआरपीएफ के जवान व पदाधिकारी मौजूद थे. लेकिन लैंड करने के बाद भी हेलीकॉप्टर से कोई पदाधिकारी या जवान उतरे नहीं तथा लगभग दो मिनट बाद हेलीकॉप्टर पुनः उडान भर दिया. हालांकि हेलीकॉप्टर को देखने के लिये लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही.
सूत्रों का कहना है कि सारंडा में वायु सेना का हेलीकॉप्टर नक्सलियों के खिलाफ चलाया जाने वाला बड़ा ऑपरेशन से पूर्व मौक ड्रील किया है. ऑपरेशन के दौरान अगर कोई जवान या ग्रामीण घायल हो जाये तो उसे कैसे तत्काल हेलीकॉप्टर से बेहतर अस्पताल भेजा जा सके, जवानों को अन्य मदद पहुंचाई जा सके. इसके लिये पूर्वाभ्यास किया गया. सबसे अहम बात यह है सारंडा की जिस पहाड़ी व जंगल में नक्सली शरण लिये हैं. उसी पहाड़ी के उपर यह हेलिकौप्टर लगभग 10-12 चक्कर लगाता रहा.
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रिपोर्ट. संतोष वर्मा