टीएनपी डेस्क (TNP DESK): झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ़ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. PLFI,TPC समेत JJMP के नक्सली संगठनों पर पुलिस लगातार झटका दे रही है. आए दिन पुलिस सर्च अभियान चलाकर विभिन्न जगहों से नक्सलियों को गिरफ्तार कर रही है. इसी बीच पलामू पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सेकंड इन कमान सुशील उरांव को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके पास से कई आधुनिक हथियार भी बरामद किया है.
कई बड़े नक्सली के साथ हमले को अंजाम देने का है आरोप
जानकारी के अनुसार जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहार के बाद सुशील उरांव इस दस्ते का सबसे बड़ा चेहरा था. बता दें कि सुशील पर पलामू, गढ़वा और लातेहार में कई बड़े नक्सली हमले को अंजाम देने का आरोप है. काफी लंबे समय से पुलिस औऱ सुरक्षा एजेंसियां सुशील की तलाशी कर रहे थे. लेकिन वह हर बार पुलिस को चकमा दे कर फरार हो जाता था. कुछ महीने पहले लातेहार में हुए एक हमले में भी सुशील उरांव की भूमिका थी. वह पिछले एक दशक से नक्सल संगठन जेजेएमपी में सक्रिय था.
लातेहार का रहने वाला है सुशील उराव
बता दें कि सुशील उराव लातेहार के मनिका थाना क्षेत्र का रहने वाला है. सुशील से पुलिस औऱ सुरक्षा एजेंसियों के टॉप अधिकारी पूछताछ कर रहे है. फिलहाल इस मामले में पुलिस अधिक जानकारी देने से इनकार कर रही है. सुत्रों से मिले जानकारी के अनुसार सुशील ने नक्सली संगठन के बारे में पुलिस को बड़ी जानकारी दी है. जिसके आधार पर पुलिस नक्सली प्रभावित इलाकों में सर्च अभियान चलाएगी.
नक्सली संगठन ने प्रेस रिलीज कर दी जानकारी
इधर, मामले में नक्सली संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद ने एक प्रेस रिलीज जारी किया है. जिसमें सुशील उरांव की गिरफ्तारी की बात कही गई है. प्रेस रिलीज में नक्सली संगठन ने लातेहार पुलिस पर आरोप लगाया है. जिसमें कहा गया है कि पुलिस इनामी नक्सली सुशील उरांव को पांच दीन से अधिक समय से पकड़कर टॉर्चर कर रही है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीते 1 सितंबर को रात 8:30 बजे पुलिस ने जेजेएमपी नक्सली सुशील उरांव को गिरफ्तार किया है और उसे टॉर्चर कर रही है. संगठन ने मनीका पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि सुशील उरांव को गैर-कानूनी तरीके से टॉर्चर करना बंद करें और जल्द उसे लातेहार कोर्ट में पेश करें. आगे लिखा गया है कि भारत के संविधान में लिखा है कि गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना है. लेकिन पुलिस मनमानी कर रही है. और गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद भी उसे न्यायालय में पेश नहीं कर रही है.