रांची(RANCHI) - प्रकृति की अजीब लीला है. जहां कम बारिश होती थी वहां उसकी नजरें इनायत इतनी अधिक है कि लोग परेशान हो रहे हैं और जहां बारिश होनी चाहिए वहां इसका संकट दिख रहा है. स्थिति यह है कि नदियां उफान पर हैं. भारी बारिश के कारण जान माल की बड़ी क्षति हुई है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में स्थिति और भी भयावह है. बारिश और बाढ़ के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. झारखंड में बारिश का संकट बना हुआ है. एक तो मानसून विलंब से आया उस पर भी उसकी बेरुखी से लोग परेशान हैं. खासतौर पर किसानों के चेहरे लटके हुए हैं.
देश के 10 राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति, हाई अलर्ट
भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड के कई जिलों में स्थिति खराब है. देहरादून उत्तरकाशी हरिद्वार और टिहरी जिलों में सुबह से बारिश हो रही है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे तक मूसलाधार बारिश होगी. कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. हिमाचल प्रदेश में भी हालत खराब है यहां के कई जिलों में भी भारी वर्षा हो रही है सिरमौर, ऊना, लाहौल स्पीति, शिमला, किन्नौर जिलों में भारी बारिश की वजह से जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बारिश ने पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. दिल्ली, हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब में जबरदस्त बारिश हुई है. दिल्ली में भी यमुना नदी उफान पर है. यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर है. निचले इलाके में पानी भर गया है. दिल्ली नगर निगम के द्वारा पांचवी कक्षा तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं.
पहाड़ी इलाकों में आवागमन के रास्ते बाधित हो गए हैं. कई छोटी-छोटी नदियों में उफान है. पिछले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है तेज बहाव की वजह से बहुत सारे वाहन भी कागज की नाव की तरह बह गए हैं. सरकार की ओर से सार्वजनिक घोषणा की गई है कि लोग घरों से बाहर कम से कम निकलें. उत्तरकाशी में भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग बाधित हो गए हैं. बाढ़ और भूस्खलन के कारण 10 लोगों की मौत हो गई है.
झारखंड की स्थिति चिंताजनक बनी
जहां उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है. वहीं झारखंड की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. यहां मानसून भी लेट से आया. लेकिन लेट से आने के बावजूद यह बारिश नहीं लाया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार और शैतान तुलनात्मक रूप से 38 प्रतिशत कम बारिश हुई है. धान के लिए बीज तो किसी प्रकार से खेतों में बिछड़े के लिए डाले गए हैं. लेकिन जब तक बारिश अच्छी मात्रा में नहीं होती तब तक रोपनी ठीक तरीके से नहीं हो सकता है. झारखंड में धान एक प्रमुख फसल है. यहां के अधिकांश हिस्सों में खरीफ सीजन में धान की फसल उगाई जाती है. प्रकृति की अजीब लीला से लोग परेशान हैं.