धनबाद(DHANBAD): पास आउट होने के बाद अक्सर लोग अपने जहन में अपने कॉलेज की खूबसूरत यादों को बसाये निकल जाते हैं. जिंदगी के यात्रा के अगले पड़ाव की ओर. उसके बाद शायद ही मौका मिलता है जब मुड़ कर अपने कैंटीन अपने बेंच और अपने पुराने दोस्तों के साथ कॉलेज के वो दिन जी पाएं. लेकिन रुकिए यहां एक ऐसा विद्यार्थी भी है जिसने अपने कॉलेज के लिए दूर देश में रहकर बहुत कुछ कर दिया. शायद ये उनका संस्थान और शिक्षकों के प्रति आभार वक्त करने का एक तरीका था. लेकिन जो भी हो इस पूर्व छात्र ने जो किया उससे न सिर्फ कॉलेज का भला हुआ बल्कि देश को उसके जैसे ही कई होनहार छात्र मिले इसकी व्यवस्था कर दी. हम बात कर रहे हैं धनबाद के आईआईटी आईएसएल से पासआउट छात्र नरेश के वशिष्ठ की. जी हाँ पूर्व छात्र नरेश के वशिष्ठ संस्थान को एक बार फिर से 10 करोड़ रुपये देंगे. इस दस करोड़ से संस्थान में नए सेंटर की स्थापना की जाएगी.
कौन है नरेश? क्या करते हैं? नरेश जानिए पहले भी कितने फंड दे चुके हैं संस्थान को
बता दें नरेश वशिष्ट 1967 बैच के पास आउट छात्र हैं. पैट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई उन्होंने आईएसएम से की थी. इसके पहले भी उन्होंने 8 करोड़ दिए थे. उस रुपए से उनके नाम से सेंटर चल रहा है. नरेश वशिष्ठ शुक्रवार को संस्थान के 97वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे. वह वर्तमान में ओमनी मैक्स ग्रुप यूएसए के अध्यक्ष हैं. इसके पहले भी नरेश वशिष्ट टिकरी एंड इनोवेशन सेंटर के लिए आईआईटी आईएसएम को 8 करोड़ दे चुके हैं .संस्थान में उनके नाम से सेंटर स्थापित है. अब उनके सहयोग से दूसरा सेंटर स्थापित होगा. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए छात्र सबसे बड़ी संपत्ति होते हैं. वह इंस्टिट्यूशन के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करते हैं .पूरे विश्व में फिलहाल भारत का द्वितीय स्थान है. उन्होंने छात्रों से अपील की कि इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन पर शोध करें. आपको बता दें कि जिस समय नरेश वशिष्ट पैट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे उसमें संस्थान का नाम ISM था, आईआईटी का टैग इस संस्थान को बाद में मिला. आईआईटी का टैग मिलने के बाद संस्थान की ख्याति बड़ी. फिलहाल आई आई टी आई, एम के छात्रों को अपने यहां नौकरी में रखने के लिए कंपनियां उत्सुक हैं. ताबड़तोड़ प्लेसमेंट छात्रों को मिल रहा है. अच्छी सैलरी भी मिल रही है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद