देवघर(DEOGHAR):आज श्रावण मास शुक्ल पक्ष की पंचमी है जिसे नाग पंचमी कहते है. शुक्रवार,सावन मास और नाग पंचमी एक साथ पड़ने के कारण आज के दिन का खास महत्व माना जा रहा है.दुसरी ओर ऐसी मान्यता है की श्रावण मास में ही समुंद्र मंथन के दौरान जो विष निकला उसे भगवान शंकर ने ग्रहण किया और इसी दिन सांप काअभिर्भाव हुआ था. ऐसे में आज के दिन नाग की पूजा करने के साथ-साथ बाबा भोलेनाथ की पूजा करने से सारी मनोकामना मिलती है. यही कारण है की आज देवघर के बाबा मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ पड़ी है.
आज ही के दिन नागों के देवता बासुकी का अभिर्भाव हुआ था
सावन माह शिव आराधना के लिए शुभ माना जाता है और खासकर आज का दिन तो और भी शुभ है.आज नाग पंचमी है जानकारों के अनुसार नागों के राजा बासुकी का आज ही के दिन अभिर्भाव हुआ था. जानकर बताते है आज के दिन पृथ्वी पर जितने भी नाग है वे सभी आज बासुकी नाग राजा के दरबार मे उपस्थित होते है. बासुकी राजा के समक्ष अपना मणि रख कर उनसे आशीर्वाद मांगते है और दूध का सेवन करते हैं. भोलेनाथ के गर्दन पर जो लिपटा है वह बासुकी नाग है यही कारण है कि भगवान शंकर के प्रिय नाग देवता है.धर्म शास्त्रों में सर्प को प्रकृति का पूरक माना गया है. यही कारण है कि प्रकृति के पालक भगवान शिव की पूजा के साथ आज नाग देवता की भी पूजा की जाती है.हालांकि आज शुक्रवार और नागपंचमी के संयोग को धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत शुभ माना जा रहा है. ऐसे में नाग देवता को दूध लावा चढ़ाने से भोलेनाथ अति प्रसन्न होते है.आज के दिन पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग पर दुध अर्पण करने से श्रद्धाल को मनवांछित फल प्राप्त कर भगवान शंकर के प्रिय बन जाते है.
बाबा मंदिर में उमड़ी सोमवारी जैसी भीड़
दुसरी ओर आज श्रावण के माह का सबसे उत्तम दिन भी माना जाता है इसलिए सुबह से ही बाबा मंदिर में बाबा का जलार्पण करने के लिए श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ परी है.शिवगंगा हो या फिर कांवरिया पथ श्रद्धालु रास्ते से ही भगवान भोले के भक्ति में डुबते नजर आते है.इनलोगो की माने तो आज जो भी मनोकामना मांगी जाती है बाबा पूरा कर देते है.नागपंचमी होने के कारण आज बाबा मंदिर में सोमवारी जैसी भीड़ उमड़ परी है.आज के दिन श्रद्धालु बाबा पर दूध,गंगा जल,बेलपत्र अर्पित कर मनोवांछित फल को प्राप्त करते हैं.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा