दुमका(DUMKA): अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की चर्चा इन दिनों खूब रही है. कोई इसके पक्ष में है तो कोई विपक्ष में. इस सबके बीच झारखंड में भी अपराधियों के खात्मे के लिए यूपी मॉडल के तर्ज पर फैसला ऑन द स्पॉट की मांग उठने लगी है. और यह मांग झारखंड की उपराजधानी दुमका के पंचायत प्रतिनिधियों ने की है.
दर असल शनिवार की शाम दुमका जिला के सरैयाहाट प्रखंड के बढ़ैत पंचायत के मुखिया सुरेश मुर्मू की हत्या अपराधियों ने गोली मार कर कर दी. हंसडीहा हाई स्कूल के समीप घात लगाकर बैठे अपराधियों ने बाइक से अपने घर जा रहे मुखिया सुरेश मुर्मू पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. 6 गोलियां सुरेश मुर्मू के शरीर में दागी गई, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद शनिवार रात भर हंसडीहा चौक जाम रहा. पुलिस प्रशासन ने समझा- बुझाकर रोड जाम समाप्त करवाया.
जिला मुखिया संघ की हुई बैठक
इस घटना के विरोध में रविवार को दुमका के पुराना समाहरणालय परिसर में जिला मुखिया संघ की एक बैठक आहूत की गयी. बैठक में विभिन्न पंचायतों के मुखिया के साथ-साथ जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर मंडल शामिल हुए. बैठक के दौरान मुखिया संघ द्वारा इस घटना की घोर निंदा करते हुए जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा की मांग सरकार से की गई. वही 24 घंटे के अंदर अपराधियों की गिरफ्तारी और यूपी के तर्ज पर फैसला ऑन द स्पॉट करने की मांग की गई. साथ ही मृतक के आश्रित को ₹1 करोड़ मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी देने की मांग की गई.
अपराधी प्रशासन को दे रहे चुनौती
जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर मंडल ने कहा इस घटना ने साबित कर दिया कि पूरे जिले में जनप्रतिनिधि कहीं भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि यह हत्या एक व्यक्ति की हत्या नहीं बल्कि एक पंचायत के मालिक की हत्या हुई है. अगर सरकार जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देती है तो आखिर जनप्रतिनिधि कैसे क्षेत्र में घूम कर जनहित के कार्य करेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि जिले में विधि व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. आए दिन घटनाएं घट रही है. अपराधी बार-बार प्रशासन को चुनौती दे रहा है. इसलिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर यहां भी फैसला ऑन द स्पॉट होनी चाहिए. उन्होंने कहा की इन मांगों को लेकर संथाल परगना प्रमंडल के तमाम जनप्रतिनिधि एक मंच पर आकर चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे.
सरकार तमाम जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा करें प्रदान
वहीं मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष योगेश मुर्मू ने कहा यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जिले में जब मुखिया ही सुरक्षित नहीं है तो जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे ही मानी जाएगी. सरकार तमाम जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान करें क्योंकि जनप्रतिनिधि दिन-रात अपने क्षेत्र में घूमते हैं. बगैर सुरक्षा के आखिरी जनता की सेवा कैसे की जाएगी. उन्होंने जनप्रतिनिधियों के एक करोड़ की बीमा कराने की मांग की और कहा कि अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो मुखिया पंचायत में कोई भी काम नहीं करेंगे.
रिपोर्ट. पंचम झा