रांची : गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे झारखंड के फायर ब्रांड नेता हैं. निशिकांत गोड्डा से लगातार तीन बार सांसद रहे. इस बार बीजेपी ने उन्हें फिर से चौथी बार उम्मीदवार बनाया है. वे 2009 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. वे अपने कामों के साथ-साथ ट्वीट बम से भी जाने जाते हैं. इनका एक-एक ट्वीट इतना धमाकेदार होता है कि झारखंड से लेकर दिल्ली तक इसकी गूंज सुनाई देता है. बीते पांच सालों में ‘सूत्रों के हवाले से खबर’ ट्वीट खूब चर्चा में रही. इनके निशाने पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर विधायक, मंत्री और अधिकारी भी रहे हैं. जिसके वजह से विपक्ष के निशाने पर भी रहे. संथाल में बेनामी जमीन औने-पौने दाम में अपने नाम कराने और सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ मामले में खूब सूर्खियां बटोरी थी. बाद में मामला कोर्ट में चला गया था .हालांकि इस मामले में उन्हें अदालत से राहत भी मिल गई थी.
राजनीति में कब रखा कदम
55 साल के निशिकांत दुबे मुलतः बिहार के भागलपुर जिला के रहने वाले हैं. उनका आवास भवानीपुर में है. उन्होंने स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की है. इनके पत्नी का नाम अनामिका गौतम है. संथाल में जमीन खरीद-बिक्री में इनका भी नाम आया था. ब्राह्मण जाति से आने वाले निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा. उन्होंने झारखंड में गोड्डा की संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के फुरकान अंसारी को 6407 वोटों के अंतर से हराया. इसके बाद 2014 में 16वीं लोकसभा चुनाव में फिर फुरकान अंसारी को दूसरी बार हराकर सीट बरकारर रखी. 2019 में लगातार तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाकर संसद पहुंचे. उन्होंने प्रदीप यादव को 184227 वोटों से कड़ी शिकस्त दी.
कितनी है संपत्ति
आपको बता दें कि राजनीति में अपनी शुरुआत करने से पहले निशिकांत दुबे एस्सार में एक निदेशक के पद पर कार्यरत थे. उनकी शुद्ध संपत्ति 46.28 करोड़ की है. चल संपत्ति 4.8 करोड़, अचल संपत्ति 41.4 करोड़ है. स्व. आय 18.1 लाख, कुल आय 2.5 करोड़ है.
संसद में कैसा रहा प्रदर्शन
झारखंड के सांसद की संसद में मौजूदगी की बात करें तो उनमें सबसे पहले नंबर पर निशिकांत दुबे का नाम है. बीते पांच साल में संसद में उनकी उपस्थिति 96 प्रतिशत रही है. राष्ट्रीय औसत 79 प्रतिशत और स्टेट एवरेज 85 प्रतिशत रही है. संसद की कार्यवाही के दौरान 193 डिबेट में हिस्सा लिया. राष्ट्रीय औसत देखें तो 46.7 और स्टेट एवरेज 54.3 है. वहीं सवाल पूछने के मामले में निशिकांत दुबे राज्य के तीसरे सांसद हैं. पांच साल में उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान 375 बार सवाल पूछे. जिसमें झारखंड से जुड़े कई मुद्दे शामिल हैं. उनका नेशनल एवरेज 210 है और स्टेट एवरेज 244 है. इन पांच सालों में निशिकांत अपने लोकसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी लोकप्रिय सांसद हो गए. हालांकि इन पांच सालों में उनका विरोधियों ने कई बार निशाने पर भी लिया, लेकिन वे अपना काम निरंतर करते रहे.
डिबेट में भी पहले स्थान पर हैं निशिकांत
संसद में डिबेट में भी झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे सबसे पहले स्थान पर काबिज हैं. संसद की कार्यवाही के दौरान 193 बार डिबेट में शामिल हुए. जिसमें बांग्लादेश मुसलमानों से आदिवासी आबादी की रक्षा के लिए सरकार से आग्रह किया. ये काफी बड़ा मुद्दा रहा. संथाल परगना के आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता, भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र, गोड्डा और देवघर में सैनिक स्कूल की स्थापना, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने की मांग, खेतौरी और घाटवालों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने की मांग, आदिम जनजाति समूह के बच्चों के जीवन का ख्याल रखें और उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की सरकार से अनुरोध , देवघर में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए परियोजनाओं की समीक्षा के संबंध में, जरमुंडी (दुमका), देवघर और महगामा में तीन केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना सहित कई ऐसे ज्वलंत मुद्दे थे, जिसे उन्होंने डिबेट के दौरान सरकार से मांग की.
सवाल पूछने के मामले में तीसरे नंबर पर
संसद में सवाल पूछने के मामले में निशिकांत दुबे झारखंड से तीसरे स्थान पर सांसद रहे. उन्होंने पूरे पांच साल में 375 बार सवाल पूछा. जिसमें आयुष औषधियों का उत्पादन और वितरण, पीएमएवाई-यू के तहत घरों का निर्माण, झारखंड में जेजेएम, कोहरे के कारण उड़ानें रद्द करना, साइबर हमले की रोकथाम, लंबित रेलवे परियोजनाएं, झारखंड में पीएमएवाई-जी, डीडीयू-जीकेवाई के तहत युवाओं को प्रशिक्षण, लाभार्थी पीएमएफबीवाई, प्रशाद योजना के तहत झारखंड में पर्यटन का विकास, झारखंड में स्टेशनों का आधुनिकीकरण, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए योजनाएं, झारखंड में पीने योग्य पानी की आपूर्ति, झारखंड में पंचायतों, केवी और जेएनवी का विकासं आदि सहित कई ऐसे सवाल है, जिसे उन्होंने संसद में प्रमुखता से उठाया.
सदन में सबसे अधिक प्राइवेट मेंबर बिल
लोकसभा कार्यकाल के दौरान राज्य के 14 सांसदों में सबसे अधिक प्राइवेट मेंबर बिल गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लाया. उन्होंने 19 प्राइवेट मेंबर बिल लाये. सरकार समर्थित अनुदान राशि 17 करोड़ है, जिसमें भारत सरकार द्वारा कुल 2.5 करोड़ रुपए जारी किया गया है. लंबित रिलीज फंड 14.5 करोड़ है. अनसन्क्शन बैलेंस 2.5 करोड़ है. सांसद ने 2.5 करोड रुपए खर्च नहीं किया है. अंतिम रिलीज 2.50 करोड़ रुपए किया गया है. रिलीज न होने का कारण ये बताया गया है कि योग्य एमपीआर प्राप्त नहीं हुआ, और प्रमाणपत्र लंबित है.
निशिकांत की उपलब्धियां
निशिकांत दुबे सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वे बुनियादी ढांचे के विकास में सक्रिय रूप से शामिल रहे. उन्होंने झारखंड में हवाई अड्डों, अस्पतालों, रेलवे लाइनों, दूध प्रसंस्करण इकाइयों और खेल केंद्र का निर्माण किया.
गोड्डा में जातीय समीकरण
गोड्डा संसदीय क्षेत्र में एक अनुमान के आधार पर इसमें लगभग दो से ढाई लाख यादव, ढाई से तीन लाख मुसलमान, दो लाख ब्राह्मण, ढाई से तीन लाख वैश्य, डेढ़ लाख के करीब आदिवासी, एक लाख के करीब भूमिहार, राजपूत, कायस्थ और शेष पचपौनियां व दलित हैं.
क्या है लोगों की राय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है. वहीं विपक्ष भी उलटफेर करने को लेकर बेताब है. हालांकि इस बार निशिकांत जीत का दीदार करके लगातार चौथी बार दिल्ली पहुंचते है या नहीं ये देखने वाली बात होगी . यहां उनके सामने एंटी एनकंबेसी फेक्टर के साथ-साथ उनके कार्यकाल का लेखा जोखा भी जनता करेगी. खैर ये तो चुनाव परिणाम के दिन ही पता चलेगा. इसके अलावा, गोड्डा मे उनके सामने इंडिया की तरफ से कौन उम्मीदवार खड़ा होगा. ये भी देखने वाली बात होगी .